UPSC 2023: देश के हजारों युवाओं के लिए IAS या IPS बनना एक सपना होता है, IAS और IPS देश की न केवल सबसे प्रतिष्ठित बल्कि सबसे पावरफुल सरकारी नौकरी भी है और इसीलिए हम आज आपके लिए देश की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सेवा IAS और IPS के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आयें हैंI अधिकांश लोग केवल इनके पद और परीक्षा से ही परिचित होते हैं, लेकिन चयन प्रक्रिया में सफल होने के बाद दोनों ही पदों के प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग से लेकर जॉइनिंग, शक्तियाँ और वेतन में बहुत अंतर होता हैI दोनों ही सेवाओं के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से चयनित किया जाता हैI
IAS को जहाँ भारतीय प्रशासनिक सेवा, वहीं IPS को भारतीय पुलिस सेवा कहा जाता हैI दोनों ही पदों की ट्रेनिग और उत्तरदायित्व, और शक्तियाँ एक दूसरे से भिन्न होती हैंI
किस प्रकार होता है IAS और IPS का चयन ?
IAS का चयन UPSC द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक से होता है लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वाले अभ्यर्थी IPS को प्रेफरेंस देते हैं और इससे निम्न रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल जाती है, इसके बाद के रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती हैI आईएएस अधिकारी संसद/ राज्य विधान सभाओं द्वारा बनने वाले कानून को अपने क्षेत्रों में लागू करवाते हैं. साथ ही नई नीतियां या कानून बनाने में भी ये अहम भूमिका निभाते हैंI
किस प्रकार होती है IAS और IPS की ट्रेनिंग ?
IAS की ट्रेनिंग जहाँ मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में होती हैI यहाँ आईएएस और आईपीएस दोनों ही सेवाओं में सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को तीन महीने की फाउन्डेशन ट्रेनिंग दी जाती है. इस कोर्स में बेसिक एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल सिखाए जाते हैं, जिन्हें जानना हर सिविल सेवक के लिए जरुरी होता है, एकेडमी के अंदर कुछ खास एक्टिविटीज भी कराई जाती हैं, जिसमें सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को मेंटली और फिजिकली मजबूत होने की ट्रेनिंग दी जाती है, इसमें हिमालय की कठिन ट्रैकिंग भी सम्मिलित हैI
इसके अतिरिक्त सभी सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को एकेडमी द्वारा आयोजित होने वाले "इंडिया डे" समारोह में अपने -अपने राज्य की संस्कृति का प्रदर्शन करना होता है. इसमें सेलेक्टेड कैंडिडेट्स पहनावे, लोक नृत्य या फिर खान - पान के जरिए देश की 'विविधता में एकता' दिखाने का प्रयास करते हैं. इसके अलावा कैंडिडेट्स को विलेज विजिट की ट्रेनिंग भी दी जाती है जिसमें उन्हें देश के किसी सुदूर गांव में जाकर 7 दिन रहना होता है, और ग्रामीण परिवेश के हर पहलू को, वहां के लोगों के अनुभव और उनकी समस्याओं को बारीकी से समझना होता हैI
3 माह के फाउन्डेशन कोर्स के बाद IPS के लिए सेलेक्टेड कैंडिडेट्स की ट्रेनिंग हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में होती है, यहाँ कैंडिडेट्स को बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है जो अत्यधिक कठोर होती है जिसमें कैंडिडेट्स को घुड़सवारी, हथियार चलाना, परेड आदि की ट्रेनिंग दी जाती हैI
IPS की बेसिक ट्रेनिंग के मुख्य उद्देश्य हैं:
प्रोफेशनल नॉलेज और समझ को बढ़ाना।
प्रोफेशनल, संगठनात्मक और सामुदायिक कौशल विकसित करना ।
प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन में मानवीय मूल्यों के सही दृष्टिकोण और उचित व्यवहार को विकसित करना और संवेदनशील बनाना।
समग्र व्यक्तित्व (चरित्र, आत्म-अनुशासन, आदतें, कौशल, मानदंड, शिष्टाचार, मूल्य, आदि) विकसित करना ।
सेलेक्टेड कैंडिडेट्स में पुलिस थानों और जिलों के नेतृत्व की क्षमता विकसित करना I
बेसिक ट्रेनिंग में आईपीएस कैंडिडेट्स को निम्न पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाती है :
आधुनिक भारत में पुलिस व्यवस्था
इंडियन एविडेंस एक्ट, 1872
IPC, 1860
कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, 1973
स्पेशल लॉ
क्राइम प्रिवेंशन एंड क्रिमिनोलॉजी
इन्वेस्टीगेशन
फोरेंसिक मेडिसिन
फोरेंसिक साइंस
मेंटेनेंस ऑफ़ पब्लिक पीस एंड आर्डर
आंतरिक सुरक्षा
पुलिस लीडरशिप एंड मैनेजमेंट
एथिक्स और मानवाधिकार
सूचना एवं संचार टेक्नोलॉजी
इसके अतिरिक्त भावी IPS अधिकारियों को योग, फिजिकल फिटनेस (पीटी, एथलेटिक्स, एक्सरसाइज, खेल, क्रॉस कंट्री दौड़ 20 किमी तक), ड्रिलिंग, निहत्थे मुकाबला, विभिन्न प्रकार की बंदूकों, हथियारों और विस्फोटकों की जानकारी, जीपीएस का उपयोग, मैप रीडिंग, प्राथमिक चिकित्सा, एम्बुलेंस ड्रिल और तैराकी आदि की ट्रेनिंग भी दी जाती हैI
IAS ट्रेनिंग फेस-1 ( विंटर स्टडी टूर- भारत दर्शन)
फाउंडेशन कोर्स के बाद आईएएस कैंडिडेट्स को कई समूहों में विभाजित कर "भारत दर्शन" यात्रा पर भेजा जाता है जिसका उद्देश्य भारत की विभिन्न संस्कृतियों और सांस्कृतिक विविधताओं से कैंडिडेट्स को परिचित करवाना हैI
इस दौरान कैंडिडेट्स को भारत के माननीय राष्ट्रपति सहित गणमान्य व्यक्तियों से मिलवाया जाता है।
अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रत्येक समूह को विभिन्न कार्यकारी/रक्षा/प्रशासनिक संस्थानों से जोड़ा जाता है।
इसके अलावा, भारत दर्शन का एक हिस्सा दिल्ली में लोकसभा सचिवालय (संसदीय अध्ययन ब्यूरो) में एक सप्ताह का कार्यकाल भी है।
एकेडमिक प्रशिक्षण:
आईएएस कैंडिडेट्स को LBSNAA में 15 सप्ताह का एकेडमिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है I
ट्रेनिंग के दौरान, आईएएस कैंडिडेट्स के दिन की शुरुआत सामान्यत: सुबह 6 बजे योग, मेडिटेशन और एक्सरसाइज के साथ होती है
शैक्षणिक सत्रों के दौरान एक आईएएस कैंडिडेट को नीति निर्माण, भूमि प्रबंधन, सॉफ्ट स्किल्स, परियोजना प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा, E-Gov आदि की शिक्षा दी जाती है।
शाम के समय और छुट्टियों के दौरान, सेलेक्टेड आईएएस कैंडिडेट्स के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों, ट्रेकिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स, घुड़सवारी, वालंटियर, क्रॉस-कंट्री रन आदि गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
आईएएस कैंडिडेट्स की जिले में ट्रेनिंग:
ये ट्रेनिंग लगभग एक वर्ष की होती हैI
इस ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षुओं को किसी विशेष जिले में एक वर्ष तक प्रशासनिक व्यवस्था का एक भाग बनकर कार्य करने और सीखने का मौका मिलता है, जिससे उनमे विकास संबंधी मुद्दों, चुनौतियों, समाधानों और कार्यान्वयन की प्रत्यक्ष समझ विकसित होती हैI
IAS ट्रेनिंग फेस-2
फेस-2 और जिला प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करना
विभिन्न विकासात्मक चुनौतियों और मुद्दों को साझा करना और उन पर चर्चा करना
विशेषज्ञों के साथ विशेष सत्र
असिस्टेंट सेकेट्री के रूप में कार्य
कुछ वर्षों पहले, एक उच्च स्तरीय समिति ने सिफारिश की थी कि, सभी आईएएस प्रशिक्षुओं को केंद्रीय सचिवालय के कामकाज का कुछ अनुभव होना चाहिए, इसलिए अब सभी आईएएस प्रशिक्षुओं को असिस्टेंट सेकेट्री के रूप में कुछ महीनों की अवधि के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिवों के अधीन कार्य करना होता है।
IAS और IPS की जिम्मेदारियां
एक रिपोर्ट के अनुसार, जहाँ आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारी एक क्षेत्र / जिले / विभाग का प्रशासन संभालने की होती है, उन्हें उनके संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार करने और नीतियों को लागू करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए कार्यकारी शक्तियां दी जाती हैं. जबकि, आईपीएस अधिकारियों को अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराधों की जांच करना I एक आईएएस अफसर का कोई ड्रेस कोड नहीं होता और वे फॉर्मल ड्रेस में रहते हैं. वहीं आईपीएस अधिकारी ड्यूटी के दौरान वर्दी पहनते हैं. आईएएस अधिकारी को पोस्ट के अनुसार, बॉडीगार्ड मिलते हैं, जबकि आईपीएस के साथ पूरी पुलिस फोर्स चलती है.
IAS और IPS में कौन है ज्यादा पावरफुल
आईएएस और आईपीएस की जिम्मेदारियां और शक्तियां बिल्कुल अलग होती हैं. जहाँ आईएएस अधिकारियों के कैडर को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा नियंत्रित किया जाता है. वहीं दूसरी ओर आईपीएस कैडर को केंद्रीय गृह मंत्रालय नियंत्रित करता है.सामान्यत किसी आईएएस अधिकारी का वेतन आईपीएस अधिकारी की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक होता है लेकिन ये पद और अवधि पर भी निर्भर करता है, किसी क्षेत्र / संघटन/ विभाग में केवल एक ही आईएएस अधिकारी होता है जबकि किसी क्षेत्र/ विभाग / संगठन में आईपीएस अधिकारीयों की संख्या आवश्यकतानुसार हो सकती हैI
IAS और IPS अधिकारियों का वेतन
IAS अधिकारियों का वेतन विभिन्न संरचनाओं पर आधारित होता है जैसे जुनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल I आईएएस के वेतनमानों में अलग- अलग वेतन बैंड होते हैं, आईएएस अधिकारी को 40 प्रतिशत का हाउसिंग अलाउंस भी मिलता है साथ ही उन्हें DA, TA भी मिलता है पद और कार्यकाल बढ़ने से उनकी सैलरी बढती जाती है I
IPS अधिकारियों को भी आईएएस अधिकारियों के समान पीएफ, ग्रैच्युटी, हेल्थकेयर सर्विसेज, आजीवन पेंशन, निवास, सर्विस क्वार्टर, परिवहन, घरेलू कर्मचारियों, अध्ययन की छुट्टियां और कई अन्य सेवानिवृत्ति सुविधाएं मिलती हैं I
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