13वां भारत - यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन ब्रसेल्स, बेल्जियम में 30 मार्च 2016 को आयोजित किया गया. शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया.
यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन–क्लाउड जंकनर ने किया था.
13वें भारत - यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के प्रतिफल
• नेताओं ने एक्शन 2020 के लिए ईयू– इंडिया एजेंडा अपनाया जिसमें अगले पांच वर्षों के लिए ईयू– भारत रणनीतिक भागीदारी के लिए ठोस रोड–मैप तैयार किया गया है.
• यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (EIB) ने लखनउ में पहली मेट्रो लाइन के निर्माण के लिए 450 मिलियन यूरो का ऋण देना स्वीकार किया है.
• यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक के नेताओं ने ईयू– इंडिया ब्रॉड– बेस्ड ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट (BTIA) के प्रारंभिक निष्कर्षों पर वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की .
• यूरोपीय संघ और भारत ने इतावली मरीन मामलों पर मध्यस्थता प्रक्रिया में अपना विश्वास जताया. फिलहाल यह समुद्र कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCLOS) की रुपरेखा के तहत काम कर रहा है.
• नेताओं ने हिंसक चरमपंथ और कट्टरपंथ का मुकाबला करने, विदेशी आतंकवाद से लड़ाकों की आवक, आतंकवादियों को पैसा और हथियारों की आपूर्ति कराने वाले स्रोतों के खिलाफ सहयोग के लिए आतंकवाद से मुकाबला करने पर बनाए गए संयुक्त घोषणा को अपनाया.
• यूरोपीय संघ और भारत ने जुलाई 2017 से पहले उच्च स्तरीय कौशल संगोष्ठी आयोजित करने की अपनी मंशा जाहिर की और G20 कौशल रणनीति के कार्यान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
• भारत– यूरोपीय संघ जल भागीदारी पर संयुक्त घोषणा को अपनाया गया ताकि पर्यावरण के मुद्दे पर सहयोग को बढ़ाया जा सके. इसमें 'स्वच्छ भारत' और 'स्वच्छ गंगा' फ्लैगशिप कार्यक्रम भी शामिल है.
• नेताओं ने यूरोप और भारत में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत– यूरोपीय संघ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता को 2020 तक विस्तार करने पर सहमति जताई.
• दोनों ही नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रवासन और गतिशीलता पर आम एजेंडा बनाने पर सहमति जताई.
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