डाटा प्लान एवं स्मार्टफोन की लगातार घटती कीमतों के बावजूद देश की 73 फीसदी आबादी यानी करीब 95 करोड़ लोग अभी भी इंटरनेट की सुविधा से दूर हैं. बाजार अध्ययन और उद्योग संगठन एसोचैम एवं सलाहकार कंपनी डेलॉएट के एक संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है.
एसोचैम ने ‘स्ट्रेटिजिक नेशनल मेजर्स की कॉम्बैट साइबर क्राइन’ नामक रिपोर्ट में बताया कि देश में इंटरनेट का दायरा बढ़ता जा रहा है. डिजिटल साक्षरता के विस्तार हेतु किफायती मूल्य पर ब्रॉडबैंड, स्मार्टफोन और मासिक डाटा की उपलब्धता जरूरी है.
रिपोर्ट के अनुसार, अभी देश में 34 करोड़ 30 लाख लोग इंटरनेट सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं. वर्ष 2020 तक बढ़कर 60 करोड़ पर पहुंचने की उम्मीद है. प्रतिशत के अनुसार केवल 27 फीसद भारतीय मौजूदा समय में इंटरनेट तक पहुंच रखते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार दूर गांवों में डिजिटल सेवाएं देने के लिए सरकार को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना चाहिए. यूनिवर्सिटी, कॉलेजों और स्कूलों में ट्रेनिंग, वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ साझेदारी एवं ट्रेनिंग के काम में कौशल भारत योजना के अंतर्गत ट्रेंड लोगों की मदद के जरिये डिजिटल साक्षरता बढ़ाई जा सकती है.
इसमें कहा गया है कि कौशल भारत एवं डिजिटल भारत के मध्य तालमेल बिठाकर कार्यक्रम बनाने व प्रशिक्षण देने की जरूरत है. एसोचैम के अनुसार सरकार को लोगों को बताने चाहिए कि टेक्नोलॉजी के क्या लाभ हैं और इससे समाज के कमजोर लोगों का जीवन स्तर किस प्रकार सुधार किया जा सकेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर दूरसंचार कंपनियां अब तक ग्रामीण इलाकों में तेज गति की इंटरनेट सेवा प्रदान करने हेतु निवेश नहीं कर रही हैं. इसी तरह लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योगों को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी ही नहीं है.

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