जर्मनी की संसद में 14 मार्च 2018 को एंजेला मर्केल को चौथी बार देश की चांसलर चुन लिया गया. उनके फिर से चांसलर बनने से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इस देश में पिछले छह माह से जारी सियासी अनिश्चितता का दौर समाप्त हो गया.
पिछले वर्ष 24 सितंबर को आम चुनाव के नतीजे आए थे लेकिन किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण जर्मनी सियासी अनिश्चितता के दौर में चला गया था.
जर्मनी में हुए चुनावों के मुख्य बिंदु
• मर्केल के पक्ष में 364 और विरोध में 315 सांसदों ने वोट डाला.
• वह साल 2005 से निर्विरोध जर्मनी की प्रमुख नेता हैं.
• 709 सदस्यों वाली संसद में मर्केल के नेतृत्व वाली कंजरवेटिव क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन, इसकी सहयोगी पार्टी क्रिश्चियन सोशल यूनियन और सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी) गठबंधन के पास 399 सीटें हैं.
• देश में नई सरकार के गठन का रास्ता चुनाव के नतीजे आने के 171 दिनों बाद साफ हुआ है.
• पिछली सरकार में भी एसपीडी ने मर्केल का समर्थन किया था लेकिन आम चुनाव से पहले वह गठबंधन से अलग हो गई थी.
एंजेला मर्केल
• एंजेला मर्केल जर्मनी की राजनीतिज्ञ और भूतपूर्व शोध वैज्ञानिक हैं.
• वे वर्ष 2005 से जर्मनी की चांसलर हैं.
• मर्केल वर्ष 2000 से क्रिस्टियन डेमोक्रेटिक यूनियन (जर्मनी) का नेतृत्व कर रही हैं.
• वे जर्मनी की पहली महिला हैं, जो इनमें से किसी भी पद का दायित्व संभाल रही हैं.
• फोर्ब्स पत्रिका में उन्हें साल 2012 में प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में दूसरा स्थान प्राप्त था.
• साल 2014 में फोर्ब्स द्वारा जारी की गई विश्व के सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में एंजेला मर्केल ने पहला स्थान प्राप्त किया था.
• उन्हें दिसंबर 2015 में टाइम पत्रिका का ‘व्यक्ति ऑफ द ईयर’ नामित किया गया था.
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