एशिया की पहली सौर ऊर्जा संचालित कपड़ा मिल महाराष्ट्र के परभणी जिले में शुरू की जायेगी. जय भवानी महिला सहकारी कपड़ा मिल एशिया की पहली सौर ऊर्जा संचालित कपड़ा मिल बन जाएगी.
जय भवानी महिला सहकारी कपड़ा मिल के अध्यक्ष ने 17 नवंबर, 2020 को घोषणा की है कि, यह मिल जल्दी ही सौर ऊर्जा पर काम करेगी.
महत्व
यह मिल महाराष्ट्र के परभणी जिले में स्थित है और इस जिले में कई महिलाओं को इस नई परियोजना के तहत रोजगार दिए जाने की उम्मीद है.
मुख्य विशेषताएं
- जय भवानी महिला सहकारी कपड़ा मिल 30 एकड़ भूमि में फैली हुई है. यह प्रमुख रूप से कपास से कपड़ा बनाने का काम करती है.
- इस मिल में बहुत सारी गतिविधियां संपन्न की जायेंगी जिसमें कपास की जिनिंग, प्रेसिंग, बुनाई और कताई शामिल हैं.
- इस कपड़ा मिल के अध्यक्ष, डॉ. संप्रिया राहुल पाटिल ने कहा कि, मिल के लिए परभणी से ही उत्तम गुणवत्ता का कपास खरीदा जाएगा, क्योंकि यह महाराष्ट्र का एक प्रमुख कपास उत्पादक जिला है.
- वास्तव में, महाराष्ट्र राज्य में अधिकांश किसान कपास उगाते हैं, क्योंकि कपास का उत्पादन एक लाभदायक निवेश के तौर पर देखा जाता है.
- डॉ. पाटिल के अनुसार, इस परियोजना की लागत 100 करोड़ रुपये होगी.
लाभ
- कपड़ा उद्योग से भारत की कुल निर्यात आय के लगभग 15 प्रतिशत हिस्से की आमद होती है. इस उद्योग में निम्न-स्तरीय पारंपरिक कपड़ा मिलों से लेकर कई बड़ी मिलें शामिल हैं.
- हालांकि, अभी तक इस उद्योग में मुख्य चिंता बिजली की लागत है, क्योंकि बिजली की खपत अकेले इन मिलों की कुल उत्पादन लागत का लगभग 15-20 प्रतिशत हिस्सा है.
- इसलिए, कपड़ा मिलों को सौर-सक्षम बनाने से इस उद्योग को अपनी ऊर्जा खपत कम करने में मदद मिलेगी और कपड़ा उद्योग का लाभ बढ़ेगा.
पृष्ठभूमि
केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने वर्ष 2018 में पावरलूम के लिए सौर ऊर्जा योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत, केंद्र ने पावरलूम इकाइयों में बिजली की कमी के मुद्दों को हल करने के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए पूंजीगत सब्सिडी के तौर पर सहायता की पेशकश की.
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