दिल्ली सरकार ने डीटीसी और क्लस्टर स्कीम के तहत चलने वाली सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है. सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में 20 जून 2017 को आयोजित दिल्ली कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
कैबिनेट की बैठक में ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसमें 6350 डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाया जाना सम्मिलित है.
उद्देश्य-
यह फैसला सार्वजनिक परिवहन की बसों में महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये किया गया है, जिससे महिलायें बेखौफ होकर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर सकें.
प्रमुख तथ्य-
• यह अहम फैसला दिल्ली सरकार ने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया.
• पब्लिक ट्रांसपॉर्ट को बेहतर और सुरक्षित बनाने हेतु दिल्ली सरकार अन्य कई योजनाओं पर काम कर रही है.
• डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की इन सभी बसों में निर्भया फंड से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं.
• इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने में करीब 140 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
• प्रत्येक बस में तीन-तीन कैमरे लगाए जाएंगे.
• इन सीसीटीवी कैमरों को लगाने से लेकर पांच साल तक इनके रखरखाव की जिम्मेदारी एक ही कंपनी को दी जायेगी.
• सरकार ने पब्लिक ट्रांसपॉर्ट को और बेहतर बनाने के लिए नई बसों की स्कीम भी जल्द लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं.
दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 2015-16 के अपने पहले बजट भाषण में डीटीसी और क्लस्टर स्कीम की सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव किया था. उसके बाद से यह प्रक्रिया शुरू हुई.
दिल्ली सकार ने परीक्षण के आधार पर डीटीसी की 200 बसों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए. ये सभी बसें सरोजिनी नगर और राजघाट बस डिपो की थी.
इन बसों का 15 दिन का डेटा मेनटेन किया गया. सरकार के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर डेटा को ज्यादा दिनों तक भी मेनटेन किया जा सकता है.
निर्भया फंड-
निर्भया फंड केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजना है, जिसके तहत देश भर महिला सुरक्षा के लिए वित्त मुहैया कराया जाता है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह लोगों के लिए, खासकर दिल्ली की महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण मुहैया कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला है.
दिल्ली मंत्रिमंडल के अन्य फैसले-
• इसके अलावा मंत्रिमंडल ने राशन की दुकानों पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को राशन बिक्री सिस्टम लगाने का काम सौंपने के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
• इसके तहत राशन की चोरी रोकने और जरूरतमंद लोगों को राशन मुहैया कराना सुनिश्चित करने के लिये दिल्ली में राशन की सभी दुकानों का कंप्यूटरीकरण कर इंट्रानेट सिस्टम से जोड़ना है.
• इसके बाद सरकार एक निगरानी केन्द्र से राशन वितरण में अनियमितता रोकने के उपायों पर नजर रखी जा सकेगी.
शिक्षण संस्थानों को मान्यता-
• मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने वाला तीसरा अहम फैसला शिक्षण संस्थानों को मान्यता प्रदान करने से जुड़ा है. इसके तहत मंत्रिमंडल ने उच्च विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसमें कृषि भूमि, स्कूलों भवनों और किराये के भवनों में चल रहे शिक्षण संस्थानों को गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षा बोर्ड की मान्यता देने की अनुमति मांगी गयी थी.
• मंत्रिमंडल ने ऐसे संस्थानों को भूतलक्षी प्रभाव से 2016-17 शैक्षणिक सत्र के लिये मान्यता देने की मंजूरी दी है.
• दिल्ली में इस श्रेणी के तमाम संस्थान पिछले कई दशकों से सिर्फ अनापत्ति प्रमाणपत्र के आधार पर चल रहे हैं.
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