केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 18 जुलाई 2016 को भारतीय करदाताओं के साथ सात एकपक्षीय मूल्यरनिर्धारण समझौतों (एपीए) पर हस्ताiक्षर किए. इनमें से कुछ समझौतों में ‘रोलबैक’ का प्रावधान भी है.
जिन सात एपीए पर हस्ताक्षर किये गये उनमे बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी तथा ऑटोमोटिव क्षेत्र से संबंधित है. इन समझौतों में कवर किये गये अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन में सॉफ्टवेयर विकास सेवायें, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवायें (बीपीओ), इंजीनियरिंग डिजाइन सेवायें तथा प्रशासनिक और बिजनेस सपोर्ट सेवायें शामिल हैं.
योजना का उद्देश्य-
- एपीए योजना 2012 में आयकर अधिनियम में लागू की गई थी और रोलबैक प्रावधान 2014 में लागू किये गये.
- इस योजना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीमय लेनदेन में अग्रिम रूप से मूल्यों का निर्धारण करके हस्तांतरण मूल्य के मामले में करदाताओं को निश्चिंत करना है.
- इसके लागू होने के बाद से एपीए योजना के प्रति आकर्षण बढ़ा है और केवल चार वर्षों में सात सौ से अधिक आवेदन (एकपक्षीय और द्विपक्षीय दोनों) प्राप्त हुए है.
- एपीए के साथ सीबीडीटी द्वारा अब तक किये गये एपीए की संख्या 77 पहुंच गई है.
- इसमें तीन द्विपक्षीय एपीए और 74 एकपक्षीय एपीए हैं.
- चालू वित्त वर्ष में कुल 13 एकपक्षीय एपीए पर हस्ताक्षर किये गये हैं.
- एपीए योजना की प्रगति से सरकार के मैत्रीपूर्ण कर व्ययवस्था में तेजी लाने का मिशन मजबूत होता है.

Comments
All Comments (0)
Join the conversation