केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 29 दिसम्बर 2016 को देश भर में ‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ अभियान का शुभारंभ किया है. अभियान का शुभारंभ सुशासन दिवस के उपलक्ष्य में किया गया.
‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ अभियान का उद्देश्य बेहतर स्वच्छता एवं ज्यादा जागरूकता और स्वस्थ जीवन शैली के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य का लक्ष्य हासिल करना है. ‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ अभियान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है.
मुख्य तथ्य-
- केंद्र सरकार ने स्वच्छता हेतु करोड़ों के इनाम की भी घोषणा की है.
- स्वच्छ भारत से एक कदम आगे बढ़कर स्वस्थ भारत की तरफ अग्रसर होना एक स्वाभाविक कदम है.
- वर्ष 2019 तक निर्धारित खुले में शौच मुक्त भारत लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में ‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ एक जरूरी अभियान है.
- केंद्र सरकार का इरादा इसे जन आंदोलन का स्वरूप देना है.
- सरकारों और विभागों को अभियान हेतु अलग-थलग रहने के बजाय आपस में समुचित तालमेल बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है.
- स्वास्थ्य मंत्रालय ‘कम उम्र में ही आदत डालो’ थीम पर काम कर रहा है. जिसे अल्पायु में ही बच्चों की आदतों में सकारात्मक बदलाव ले जा सकें.
स्वच्छता हेतु इनाम की घोषणा-
- केंद्र सरकार के अस्पतालों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार 5 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है.
- द्वितीय पुरस्कार 3 करोड़ रुपये और तृतीय पुरस्कार 1 करोड़ रुपये है.
- इस वर्ष अनेक प्रतिष्ठान जैसे केंद्र शासित चंडीगढ़ स्थित चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान स्नातकोत्तर संस्थान (पीजीआईएमईआर) और नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और शिलांग स्थित पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में अग्रणी रहे हैं.
- केंद्र सरकार ने स्वच्छता और सफाई के उच्च मानक भी सुनिश्चित किए हैं.
- ‘स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र’ कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक समारोह में किया.
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