सरकार ने बीएस-IV वाहनों की सीमित बिक्री की अनुमति दी

Apr 2, 2020, 14:44 IST

सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के दिए दिशा-निर्देशों में मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का सावधानीपूर्वक अनुपालन करने पर जोर दिया है. सरकार ने भारत चरण (बीएस) उत्सर्जन मानदंड का मानक स्थापित किया है ताकि मोटर वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को विनियमित किया जा सके.

BS-IV
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केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनआईसी को सलाह दी है कि सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 27 मार्च 2020 के निर्देशों के अनुरूप पूरे देश में (दिल्ली/एनसीआर को छोड़कर) बीएस- IV वाहनों के सीमित पंजीकरण के लिए राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को अनुपालन सुविधाएं प्रदान करे.

सुप्रीम कोर्ट ने वाहन डीलरों (दिल्ली/एनसीआर को छोड़कर) के पास लंबित बीएस- IV स्टॉक (सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार) के सीमित और सशर्त बिक्री की अनुमति दी है, जो कुल स्टॉक के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. यह कोविड-19 के कारण देश में लगे लॉकडाउन की समाप्ति के 10 दिनों तक वैध होगा.

सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली/एनसीआर में ऐसे वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक बरकरार रखी है. सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 24 अक्टूबर 2018 के आदेशानुसार कोई भी बीएस- IV वाहन 1 अप्रैल 2020 से बेचा या पंजीकृत नहीं किया जाएगा पूरे देश में आज से केवल बीएस- IV वाहनों के पंजीकरण की अनुमति है.

सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के दिए दिशा-निर्देशों में मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का सावधानीपूर्वक अनुपालन करने पर जोर दिया है. सरकार ने भारत चरण (बीएस) उत्सर्जन मानदंड का मानक स्थापित किया है ताकि मोटर वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को विनियमित किया जा सके. बीएस- IV नियम पूरे देश में अप्रैल 2017 से लागू है.

भारत ने 1 अप्रैल से दुनिया के सर्वाधिक स्वच्छ उत्सर्जन मानक अपनाने का फैसला किया है. केवल 3 वर्षों में यूरो-IV से यूरो-IV उत्सर्जन मानकों को अपनाना एक बड़ी उपलब्धि है. दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है.

क्या हैं बीएस वाहन?

बीएस उत्सर्जन मानक वे मानक होते हैं जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं. इस उत्सर्जन मानक के जरिये मोटर वाहनों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण की मात्रा की व्याख्या की जाती है. बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है उस गाड़ी से उतने ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है. ये बीएस मानक देश का केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तय करता है. साथ ही देश में चलने वाली हर गाड़ी के लिए यह आवश्यक होता है कि वह इन सभी मानकों पर खरी उतरे.

पृष्ठभूमि

जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की एक बेंच ने हाल ही में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई की. जिसमें स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2020 से दिल्ली-एनसीआर में कोई भी BS-IV वाहन नहीं बेचा जाएगा. साथ ही यह भी कहा गया कि 24 मार्च से लागू लॉकडाउन खत्‍म होने के बाद 10 दिनों की अवधि के दौरान बीएस-IV वाहनों की अनसोल्ड इन्वेंट्री की केवल 10 प्रतिशत बिक्री की अनुमति दी जा सकती है. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि बीएस- IV वाहन जो पहले ही बेचे जा चुके हैं, लेकिन बंद होने के कारण पंजीकृत नहीं हैं, प्रतिबंध हटने के बाद पंजीकृत हो सकते हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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