छत्तीसगढ़ के महासमुंद में इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के एक छात्र योगेश साहू ने डॉक्टरों के स्थान पर रोगियों की देखभाल करने के लिए एक इंटरनेट-नियंत्रित रोबोट बनाने का दावा किया है. योगेश साहू इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार विषय पढ़ने वाले छात्र हैं.
साहू ने कहा कि इस तकनीक का उपयोग डॉक्टरों के स्थान पर रोगियों की देखरेख करने के लिए किया जा सकता है. जिससे डॉक्टरों को जोखिम से बचाया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि, डॉक्टर लोगों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और इसलिए वह उनके लिए कुछ करना चाहते थे.
नया रोबोट आविष्कार: मुख्य विशेषताएं
• साहू के अनुसार, उनका इंटरनेट द्वारा नियंत्रित रोबोट लोगों के साथ बातचीत कर सकता है.
• उन्होंने केवल 5000 रुपये की लागत पर अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर इस रोबोट को बनाया है.
• इस रोबोट को इंटरनेट से सीधे जोड़ा जा सकता है और इसे कहीं से भी संचालित किया जा सकता है.
• साहू के अनुसार, डॉक्टर इसमें लगाए गए कैमरे के माध्यम से मरीजों से बातचीत कर सकते हैं और उन्हें जरूरत के मुताबिक दवायें दे सकते हैं.
• इन छात्रों ने यू ट्यूब चैनल के माध्यम से रोबोट बनाने का तरीका सीखा था.
महत्व
इस इंजीनियरिंग छात्र के अनुसार, नया आविष्कार कोविड – 19 के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों की सहायता करेगा. उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से उन्हें धन मुहैया कराने का आग्रह किया है ताकि वे ऐसे रोबोट बना सकें जो लोगों और विशेष रूप से डॉक्टरों की मदद करेंगे.
पृष्ठभूमि
भारत में डॉक्टरों और नर्सों के साथ अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मी इन दिनों लोगों के जीवन को बचाने के लिए और कोविड -19 के रोगियों के इलाज के लिए दिन-रात अथक प्रयास कर रहे हैं.
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