चीन ऐस्टरॉयड के खनन के लिए एक रोबोट स्पेस में भेज रहा है. यह रोबोट इस साल के आखिर तक भेजना चाहेगा. ऐस्टरॉयड पर मौजूद मूल्यवान खनिज संसाधन के खनन पर चीन की निगाहे टिकी हैं. ऑरिजन स्पेस (Origin Space) लॉन्ग मार्च रॉकेट से नवंबर में लॉन्च किया जाएगा.
यह ऐस्टरॉयड पर लैंड करने और खनन करने के लिए जरूरी टेक्नॉलजी को टेस्ट करेग. दरअसल ऐस्टरॉयड मूल्यवान खनिज संसाधन से भरे होते हैं. ऐसे में चीन की निगाहें सोना, चांदी और कोबाल्ट जैसे मूल्यवान संसाधनों पर टिकी हुई हैं. चीन अंतरिक्ष अनुसंधान में भी तेजी से आगे बढ़ने के लिए कदम उठा रहा है.
पहला उत्खनन रोबोट
चीन नवंबर 2020 में दुनिया का पहले उत्खनन रोबोट अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में लगा हुआ है. बीजिंग की एक निजी कंपनी ओरिजिन स्पेस इस महत्वाकांक्षी प्रोजोक्ट को लॉन्च करेगी. इस रोबोट का नाम एस्ट्रॉयड माइनिंग रोबोट रखा गया है. इस नाम के बावजूद इस यह रोबोट उत्खनन का काम नहीं करेगा.
इसका काम क्या होगा
उम्मीद जताई गई है कि इससे ऐस्टरॉयड पर खनिज, सोना, चांदी और कोबाल्ट जैसे संसाधनों का खनन किया जा सकेगा. इसे चीनी नैशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन ऑपरेट करेगा. इस अभियान का काम प्राथमिक आंकलन करना होगा जिसमें क्षुद्रग्रहों के उत्खनन संबंधी तकनीकियों की फील्ड टेस्टिंग किया जाएगा. यह अंतरिक्षयान हलके यानों की श्रेणी में आता है जिसका वजन केवल 30 किलो होगा.
ऐसा अभियान पहली बार भेजा जा रहा है
इस तरह का अभियान पहली बार भेजा जा रहा है. इस अभियान का मुख्य लक्ष्य स्पेसक्राफ्ट के ऑर्बिटल ऑपरेशन, छोटे स्पेस ऑब्जेक्ट पर जाना, स्पेसक्राफ्ट आइडेंटिफिकेशन और कंट्रोल को वेरिफाई करना है.
ऑरिजन स्पेस: एक नजर में
ऑरिजन स्पेस बीजिंग में स्थित एक निजी कंपनी है. यह वास्तव में वास्तविक खनन के लिए एक प्री क्रूसर मिशन है. इसे चीनी नेशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन ऑपरेट करेगा. इसे नियो-1 नाम दिया गया है. जो खनन करने के लिए जरूरी टेक्नॉलजी को टेस्ट करेगा. स्पेस में खनन पर दुनिया के शक्तिशाली देशों की निगाहें हैं. ऐस्टरॉयड खनन एक साइंस फिक्शन मूवी जैसा है. जो काफी विवादित है. यदि यह परियोजना सफल होती है, तो एक ट्रिलियन डॉलर का उद्योग खुल सकता है.
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