दिल्ली के नन्हें बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की कोशिश में दिल्ली सरकार ने 11 अप्रैल 2018 को मिशन बुनियाद की शुरुआत की है.
इस मिशन के माध्यम से दिल्ली सरकार ने तीन महीने के भीतर राज्य में तीसरी से नौवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को पढ़ने-लिखने और सामान्य गणित की शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
मिशन बुनियाद क्या है?
• गर्मियों की छुट्टियों के दौरान चलने वाले इस अभियान के लिए सरकार ने रेडियो और बैठकों के जरिए अभिवावकों से अपील की है कि इस दौरान दिल्ली रहकर बच्चों को एक्टिविटी पर आधारित क्लासों में भेजें.
• बच्चों को रोज 2 से 3 घंटे ट्रेनिंग देकर पढ़ने और गणित के सवाल हल करने में सक्षम बनाया जाएगा.
• इसमें दिल्ली सरकार के अलावा स्थानीय निकायों के स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे भी शामिल होंगे.
• कक्षा तीन, पांच और आठ का लर्निंग लेवल काफी कम मिलने के बाद सरकार ने 'मिशन बुनियाद' का कार्यक्रम तय किया. यह कैंपेन जून तक चलाया जायेगा.
• हर बच्चे को अलग ग्रुप में बांटा जाएगा और जो बच्चा बिल्कुल नहीं पढ़ पा रहा है उसका अलग ग्रुप होगा. हर एक बच्चे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
• बच्चों को रिफ्रेशमेंट भी दिया जाएगा और क्लॉसरूम में क्रिएटिव माहौल तैयार किया जाएगा.
मिशन बुनियाद की आवश्यकता क्यों?
हाल ही में सरकार द्वारा कराये गये एक अध्ययन में पता चल है कि देशभर में पढ़ाई को लेकर एक बड़ी समस्या है. बच्चे अपनी क्लास की किताब तक नही पढ़ पा रहे हैं या गणित के सवाल हल नहीं कर पाते हैं. दिल्ली और देश के हर राज्य में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे रीडिंग और गणित में कमजोर हैं. ऐसे में जो बच्चे पाठ्य पुस्तक नही पढ़ पा रहे हैं या गणित हल नही कर पा रहे हैं उन्हें बेहतर करना आवश्यक है. दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे पर एमसीडी और अन्य स्थानीय निकायों से मिलकर काम करने की अपील की है.
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