अमेरिकी सीनेट ने 05 फरवरी 2020 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को महाभियोग के सभी आरोपों से बरी कर दिया. अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पद के दुरुपयोग और कांग्रेस (संसद) की कार्रवाई बाधित करने के आरोपों से बरी कर दिया. इस खबर के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प को बड़ी राहत मिली है.
डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगियों रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट ने शक्ति के दुरुपयोग के आरोप को 52-48 के अंतर से खारिज किया. दूसरे आरोप कांग्रेस (संसद) की कार्रवाई बाधित करने के आरोप से 53-47 वोट के अंतर से खारिज किया गया. डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग का आरोप लगने के बावजूद दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले पहले व्यक्ति हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप ने 05 फरवरी 2020 को कांग्रेस के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा कि देश एक बार फिर बेहद सम्मानित तरीके से आगे बढ़ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके नेतृत्व में नौकरियां बढ़ रही है, आय बढ़ रही है, गरीबी कम हुई है तथा हमारा देश बेहद सम्मानित तरीके से आगे बढ़ रहा है. |
राष्ट्रपति ट्रम्प पर क्या था आरोप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर आरोप था कि उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग किया है. उन पर यह भी आरोप था कि उन्होंने पद पर रहते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति को दो डेमोक्रेट नेताओं के खिलाफ जांच हेतु दबाव डलवाया. दूसरा आरोप राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग मामले में सदन की जांच में सहयोग नहीं करने का है.
महाभियोग क्या है?
अमरीकी संविधान के अनुसार राष्ट्रपति को देशद्रोह, रिश्वत तथा दूसरे कुछ संगीन अपराधों में महाभियोग का सामना करना पड़ता है. अमरीका में महाभियोग की प्रक्रिया हाउस ऑफ रिप्रेजेटेटिव्स से शुरू होती है. इसे पास करने के लिए साधारण बहुमत की जरूरत पड़ती है. सीनेट में महाभियोग चलाने हेतु एक सुनवाई होती है लेकिन यहां महाभियोग को मंजूरी देने हेतु दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ती है. अमरीकी इतिहास में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाया नहीं जा सका है.
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इन राष्ट्रपतियों के खिलाफ भी चल चुकी है महाभियोग की कार्यवाही
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से पहले अमेरिका के दो और राष्ट्रपतियों के विरुद्ध महाभियोग की कार्यवाही हुई है. अमेरिका के इतिहास में महाभियोग का सामना करने वाले डोनाल्ड ट्रंप तीसरे राष्ट्रपति हैं. अमेरिकी इतिहास में सबसे पहले साल 1868 में राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ भी महाभियोग चला था. साल 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग लाया गया था.
हालाँकि, तीनों राष्ट्रपतियों को सीनेट ने बरी कर दिया और इस तरह उन्हें पद से नहीं हटाया गया. अमेरिका के 243 साल के इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के बाद पद से हटाया नहीं गया. इस पद से हटाने के लिए 100 सदस्यीय सीनेट में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है.
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