अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 सितम्बर 2020 को एमी कोनी बैरेट (Amy Coney Barrett) को सुप्रीम कोर्ट के नए न्यायधीश के रूप में नामित किया. राष्ट्रपति ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रूथ बाडेर गिन्सबर्ग के निधन से खाली हुए पद के लिए न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट को नामित किया है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बोलते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के लिए हमारे देश के सबसे प्रतिभाशाली और प्रतिभाशाली कानूनी दिमागों में से एक को नामित करना मेरा सम्मान है. वह एक अद्वितीय उपलब्धि, बुद्धि, स्टर्लिंग क्रेडेंशियल्स महिला, न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट हैं. उन्होंने कहा कि यह मेरा तीसरा नामांकन है. यह वास्तव में बहुत गर्व का क्षण है. उन्होंने बैरेट से कहा आप शानदार काम करने जा रही हैं.
व्हाइट हाउस से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर पुष्टि की जाती है तो जस्टिस बैरेट अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश को तौर पर बैरेट एक ऐसी मां के रूप में इतिहास बनाएंगी जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं.
Today, it was my great honor to nominate one of our nation’s most brilliant and gifted legal minds to the Supreme Court. She is a woman of unparalleled achievement, towering intellect, sterling credentials, and unyielding loyalty to the Constitution: Judge Amy Coney Barrett... pic.twitter.com/l2yezt2UOi
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 27, 2020
सीनेट की मंजूरी मिलना जरूरी
राष्ट्रपति की अनुशंसा के बाद बैरेट के नाम को सीनेट की मंजूरी मिलनी जरूरी है. राष्ट्रपति चुनाव में 40 से भी कम दिन बचे हैं ऐसे में जस्टिस को नॉमिनेट करने के अपने कदम का बचाव करते हुए ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के संविधान के तहत यह उनका सर्वोच्च और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट: एक नजर में
वर्तमान में एमी कोनी बैरेट सातवें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में जज हैं. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं. किसी महत्वपूर्ण फैसले के वक्त यदि इनकी राय 4-4 में विभाजित हो जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है. सुप्रीम कोर्ट के लिए नामांकन काफी लाभकारी है क्योंकि यहां जजों की नियुक्ति लाइफटाइम के लिए होती है और अन्य कोर्टों से अलग यहां के जजों का कोई रिटायरमेंट उम्र नहीं होता.
पृष्ठभूमि
बता दें कि 87 वर्षीय रूथ बेडर गिन्सबर्ग के निधन के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस का पद खाली हुआ है, हाल ही में उनका कैंसर के कारण निधन हो गया था. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के पद पर पहुंचने वाली गिन्सबर्ग दूसरी महिला थीं.
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