रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 27 मार्च 2022 को ओडिशा के तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) का सफल परीक्षण किया. बता दें कि यह मिसाइल भारतीय सेना का हिस्सा है.
मिसाइल ने परीक्षण के दौरान बहुत दूर से ही अपने लक्ष्य को भेद दिया. इसकी जानकारी डीआरडीओ के अधिकारी ने दी है. भारत के पास छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों की काफी मजबूत खेप है. भारत ने ऐसी ही दो मिसाइलों का परीक्षण 27 मार्च 2022 को ओडिशा के बालासोर स्थित इंटीग्रेटेड रेंज से किया.
MRSAM-Army missile system flight tested from ITR Balasore at around 1030 Hrs intercepting a high speed aerial target at long range. The target was destroyed by the missile in a direct hit.@PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @adgpi pic.twitter.com/Ra5yfHaHo1
— DRDO (@DRDO_India) March 27, 2022
मिसाइल के दो परीक्षण किए गए
इस मिसाइल ने बहुत ही सटीकता के साथ अपने टारगेट को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. परीक्षण के दौरान बालासोर जिले के तीन गांवों के लगभग 7000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था. बता दें कि इस मिसाइल के दो परीक्षण किए गए. पहला परीक्षण मध्यम ऊंचाई वाले लंबी रेंज के टारगेट के साथ किया गया. दूसरा परीक्षण कम ऊंचाई वाले कम रेंज के टारगेट के साथ किया गया. दोनों मिसाइल टेस्ट सफल रहे.
इस मिसाइल की खासियत
एमआरएसएएम ( MRSAM) का वजन लगभग 275 किलोग्राम होता है. वहीं, इसकी लंबाई 4.5 मीटर एवं व्यास 0.45 मीटर होता है. यह मिसाइल लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है. इसकी रेंज में आने पर किसी विमान, यान, ड्रोन या मिसाइल का बचना लगभग नामुमकिन ही है.
एमआरएसएएम मिसाइल को डीआरडीओ (DRDO) ने इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री (IAI) के साथ मिलकर बनाया है. इस मिसाइल का पहला सफल परीक्षण जनवरी 2021 में किया गया था. इस मिसाइल प्रणाली में मल्टी-फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर एवं अन्य सैन्य उपकरण और वाहन मौजूद हैं. इजरायल से भारत को मिली बराक मिसाइल भी एमआरएसएएम ही है.
रिपोर्ट के अनुसार, एमआरएसएएम की रेंज आधा किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक हैं. यह एक बार छोड़े जाने के बाद आसमान में सीधे 16 किलोमीटर तक के लक्ष्य को गिरा सकती है. इस मिसाइल की गति 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसकी गति एवं टारगेट का पीछा करने की काबिलियत इसे बेहद खतरनाक बनाती है.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि भारत लगातार अपने रक्षा बजट को बढ़ा रहा है और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की कोशिश की जा रही है. बता दें कि इसका लाभ मिलना भी शुरु हो गया है. पिछले आठ वर्षों में भारत के हथियार निर्यात में 6 गुना उछाल आया है.
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