इस 17 नवंबर, 2020 को केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके कनाडाई समकक्ष फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन ने तीसरे भारत-कनाडा ट्रैक 1.5 संवाद में भाग लिया.
विदेश मंत्री ने जिस बातचीत में भाग लिया, उसकी मेजबानी ओंटारियो स्थित सेंटर फॉर इंटरनेशनल गवर्नेंस इनोवेशन एंड गेटवे हाउस: इंडियन काउंसिल ऑन ग्लोबल रिलेशंस ने की थी.
इन दोनों देशों ने कोविड -19 महामारी के संबंध में सहयोग पर चर्चा की और मजबूत निवेश एवं वाणिज्यिक संबंधों पर एक साथ काम करना सुनिश्चित किया.
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते संबंध: मुख्य विशेषताएं
- इस तीसरे भारत-कनाडा ट्रैक 1.5 संवाद के दौरान, दोनों देशों ने इस बात का उल्लेख करने के साथ ही सराहना भी की कि, नई दिल्ली और ओटावा वैश्विक मामलों में काफी काम कर रहे हैं और परस्पर सहयोग कर रहे हैं.
- दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों में सुधार के साथ-साथ कोविड -19 महामारी के संबंध में भी बातचीत हुई.
- इस संवाद के दौरान, मजबूत निवेश और वाणिज्यिक साझेदारी पर भी चर्चा हुई और दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास और विस्तार में अपना विश्वास जताया.
- कनाडा के विदेश मंत्री, शैम्पेन ने वैश्विक स्तर पर फार्मा उत्पादों से संबंधित विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत के महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की, जिनकी कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए बहुत आवश्यकता है. कोविड -19 के बाद, आने वाले समय में संभावित बहुपक्षीय पहलों की खोज पर भी इस संवाद में चर्चा की गई.
- इस बातचीत के दौरान दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के नए भू-अर्थशास्त्र महत्त्व की जांच की.
- वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुसार, भारत और कनाडा के बीच डिजिटल सहयोग भी तीसरे भारत-कनाडा ट्रैक 1.5 संवाद का मुख्य मुद्दा था.
भारत-कनाडा संबंध: पृष्ठभूमि
इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बहुलवाद, लोकतंत्र और दोनों देशों के लोगों के मैत्रीपूर्ण संबंधों की प्रतिबद्धता पर बने हैं. हाल ही में, दोनों देश रणनीतिक साझेदार बनने के लिए भी कदम उठा रहे हैं क्योंकि पीएम स्टीफन हार्पर ने वर्ष 2012 में राजकीय दौरा किया था.
भारत और कनाडा के बढ़ते हुए व्यापार संबंधों के तहत, वर्ष 2019 में दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर से अधिक का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था.
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