Economic Survey 2022-23 in Hindi: आर्थिक समीक्षा 2022-23 की मुख्य बातें, Download PDF
आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) 2022-23: संसद का बजट सत्र आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया है. केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक समीक्षा पेश किया. जिसको लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने मीडिया को संबोधित किया और आर्थिक सर्वेंक्षण 2022-23 को पेश किया है.

आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) 2022-23: केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट से पहले आज संसद में चालू वित्त वर्ष पर आधारित आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. जिसको लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने मीडिया को संबोधित किया और आर्थिक सर्वेंक्षण 2022-23 को पेश किया है.
आर्थिक समीक्षा 2022-23, हाइलाइट्स:
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर है.
प्रेस को संबोधित करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली 3 तिमाहियों में GST राजस्व के रूप में 13.40 लाख करोड़ रुपये जमा हुए. पिछले दो वर्षो में राजस्व में लगातार वृद्धि देखी गयी है.
व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण योजना के तहत, वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2023 तक डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने 2982.4 करोड़ रुपये वितरित किए है.
बैलेंसशीट: साफ तुलन पत्र (बैलेंसशीट) ने वितीय संस्थानों द्वारा ऋण देने की क्षमता बढ़ाई है. साथ ही दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के माध्यम से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए वसूली की दर फरवरी, 2022 में सर्वाधिक रही है.
पूंजीगत व्यय: वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान पूंजीगत व्यय में 35.4 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी देखि गयी है, जिसमें से अप्रैल-दिसम्बर की अवधि में लगभग 67 प्रतिशत खर्च किया भी जा चुका है.
राजकोषीय घाटा: आर्थिक समीक्षा 2023 के अनुसार, सरकार 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए प्रयास कर रही है. साथ ही अप्रैल से नवंबर 2022 तक सकल कर राजस्व में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
औद्योगिक क्षेत्र सकल मूल वृद्धि (GVA): वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में औद्योगिक क्षेत्र सकल मूल वृद्धि, सकल घरेलू उत्पाद के भाग के रूप में निजी अंतिम उपयोग व्यय (पीएफसीई) वित्त वर्ष 2015 से सभी छमाहियों में सर्वाधिक रहा. साथ ही औद्योगिक क्षेत्र सकल मूल वृद्धि (GVA) वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 3.7 प्रतिशत दर्ज की गई है.
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर: डिजिटल अवसंरचना की उपलब्धता और प्रसार से आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण रूप से योगदान मिलेगा. वर्ष 2015 से 2021 के बीच इंटरनेट ग्राहकों की शहरी क्षेत्रों में 158 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में 200 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है.
वित्त वर्ष 2022 में 19.4 लाख अतिरिक्त स्कूली बच्चों को प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक नामांकित किया गया है.
सामाजिक अवसंरचना और रोजगार: सामाजिक क्षेत्र में सरकारी व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है. सामाजिक क्षेत्र व्यय वित्त वर्ष 2016 में 9.1 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023(बीई) में 21.03 लाख करोड़ हो गया है. वर्ष 2005-06 और 2019-20 के बीच 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुए है. एनईपी व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है.
सरकार मिशन मोड में कार्यबल को नियोजन योग्य कौशल एवं ज्ञान से सुसज्जित करने के लिए प्रतिबद्ध है. बेरोजगारी दर 2018-19 में 5.8 % से गिरकर 2020-21 में 4.2 % पर आयी है. ग्रामीण महिला श्रमबल सहभागिता दर 2018-19 के 19.7 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 27.7 प्रतिशत तक पहुंची है.
आयुष्मान भारत योजना: आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 4 जनवरी, 2023 तक लगभग 22 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन किया गया और आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों में 135 करोड़ से अधिक लोगों का आगमन दर्ज हुआ है. आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम ने अनुसंधान और विकास तथा लॉजिस्टिक चुनौतियों पर नियंत्रण पाते हुए अपना लक्ष्य प्राप्त किया साथ ही कार्यक्रम के तहत 6 जनवरी, 2023 तक 220 करोड़ से अधिक कोविड टीके लगाए गए.
सेवा क्षेत्र: आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022 में 8.4 प्रतिशत रही. साथ ही सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023 में 9.1 प्रतिशत रहने की आशा व्यक्त की गयी है. सेवा क्षेत्र में 7.1 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआई इक्विटी प्रवाह हुआ है.
वार्षिक वन क्षेत्र: आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, भारत पिछले दशक में औसतन वार्षिक वन क्षेत्र में वृद्धि में तीसरे स्थान पर रहा. भारत में 75 रामसर स्थल के साथ मैंग्रोव क्षेत्र में 364 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
कृषि एवं खाद्य प्रबंधन: आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, भारत का अनाज उत्पादन 2021-22 में रिकॉर्ड 315.7 मिलियन टन तक पहुंचा. 2021-22 में रिकॉर्ड 342.3 मिलियन टन बागवानी फसलों का हुआ उत्पादन हुआ. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए 20,050 करोड़ रुपये के खर्च का किया गया है.
आर्थिक समीक्षा 2022-23 में इन क्षेत्रों पर था मुख्य फोकस:
- अर्थव्यवस्था की स्थिति (State of the Economy)
- राजकोषीय विकास (Fiscal Developments)
- मुद्रास्फीति (Inflation)
- मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता (Monetary Management and Financial Intermediation)
- कृषि और खाद्य प्रबंधन (Agriculture and Food Management)
- इंडस्ट्री एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर
- सतत विकास और जलवायु परिवर्तन (Sustainable Development and Climate Change)
- सर्विसेज
- सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोजगार (Social Infrastructure and Employment)
भारत की आर्थिक समीक्षा:
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश किये गए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में संभावित रूप से 7% के विकास दर का अनुमान लगाया गया है जो 7 दिसंबर, 2022 की मौद्रिक नीति में भारतीय रिज़र्व बैंक के 6.8% विकास पूर्वानुमान से अधिक है.
इस आर्थिक समीक्षा में मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था की स्थिति, राजकोषीय विकास, मौद्रिक प्रबंधन और वित्तीय मध्यस्थता, मुद्रास्फीति आदि पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया है.
अर्थव्यवस्था की विकास दर मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए 7 प्रतिशत (वास्तविक) रहने का अनुमान है, पिछले वित्त वर्ष में विकास दर 8.7 प्रतिशत रही थी.
महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण कमोडिटी के वैश्विक संकट में कमी आने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के अगले दशक में तेजी से बढ़ने की संभावना है.
भौतिक अवसंरचना में वृद्धि के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना के विकास पर बल दिया है.
अधिक जानकारी और आर्थिक समीक्षा 2022-23 का PDF आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते है.
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FAQ
आर्थिक समीक्षा क्या होता है?
आर्थिक सर्वेक्षण कौन तैयार करता है?
कौन पेश करता है आर्थिक सर्वेक्षण?
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