Economic Survey 2023: आज जारी किया गया इकोनॉमिक सर्वे, जानें बजट से पहले क्यों पेश होता है?
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी यानी आज से शुरू हो रहा है. यह सत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ शुरू होगा. संसद में आज वित्तमंत्री आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया. आमतौर पर, आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है.

Economic Survey 2023: संसद का बजट सत्र 31 जनवरी यानी आज से शुरू हो रहा है. यह सत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ शुरू होगा. बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 23 फरवरी को समाप्त होगा. वर्ष 2023-24 के लिए बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी.
संसद में आज वित्तमंत्री आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश करेंगी. आमतौर पर, आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है. आर्थिक सर्वेक्षण चालू वित्त वर्ष (2022-2023) के दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिति को प्रस्तुत करता है.
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— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 30, 2023
CEA Dr V. Anantha Nageswaran will address a Press Conference on 31st Jan. 2023, at 2:00 PM in New Delhi after the presentation of Economic Survey 2022-23 by FM in Parliament.
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अर्थव्यवस्था की स्थिति बताता है इकोनॉमिक सर्वे:
चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिति का लेखा जोखा आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है. इसकी मदद से देश की आर्थिक स्थिति का पता चलता है. आर्थिक सर्वेक्षण 2023 (Economic Survey 2023) चालू वित्त वर्ष 2022-2023 के दौरान अर्थव्यवस्था की समीक्षा को प्रस्तुत करेगा.
आर्थिक समीक्षा 2022-23, हाइलाइट्स:
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर है.
पूंजीगत व्यय: वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान पूंजीगत व्यय में 35.4 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी देखि गयी है, जिसमें से अप्रैल-दिसम्बर की अवधि में लगभग 67 प्रतिशत खर्च किया भी जा चुका है.
राजकोषीय घाटा: आर्थिक समीक्षा 2023 के अनुसार, सरकार 6.4 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए प्रयास कर रही है. साथ ही अप्रैल से नवंबर 2022 तक सकल कर राजस्व में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर: डिजिटल अवसंरचना की उपलब्धता और प्रसार से आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण रूप से योगदान मिलेगा. वर्ष 2015 से 2021 के बीच इंटरनेट ग्राहकों की शहरी क्षेत्रों में 158 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में 200 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है.
सामाजिक अवसंरचना और रोजगार: सामाजिक क्षेत्र में सरकारी व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है. सामाजिक क्षेत्र व्यय वित्त वर्ष 2016 में 9.1 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2023(बीई) में 21.03 लाख करोड़ हो गया है. वर्ष 2005-06 और 2019-20 के बीच 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुए है. एनईपी व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है.
औद्योगिक क्षेत्र सकल मूल वृद्धि (GVA): वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में औद्योगिक क्षेत्र सकल मूल वृद्धि, सकल घरेलू उत्पाद के भाग के रूप में निजी अंतिम उपयोग व्यय (पीएफसीई) वित्त वर्ष 2015 से सभी छमाहियों में सर्वाधिक रहा. साथ ही औद्योगिक क्षेत्र सकल मूल वृद्धि (GVA) वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 3.7 प्रतिशत दर्ज की गई है.
वार्षिक वन क्षेत्र: आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, भारत पिछले दशक में औसतन वार्षिक वन क्षेत्र में वृद्धि में तीसरे स्थान पर रहा. भारत में 75 रामसर स्थल के साथ मैंग्रोव क्षेत्र में 364 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
कृषि एवं खाद्य प्रबंधन: आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, भारत का अनाज उत्पादन 2021-22 में रिकॉर्ड 315.7 मिलियन टन तक पहुंचा. 2021-22 में रिकॉर्ड 342.3 मिलियन टन बागवानी फसलों का हुआ उत्पादन हुआ. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए 20,050 करोड़ रुपये के खर्च का किया गया है.
कौन पेश करता है आर्थिक सर्वेक्षण?
केन्द्रीय वित्तमंत्री संसद में बजट सत्र के दौरान इकोनॉमिक सर्वे पेश करते है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण 2023, 31 जनवरी, 2023 को संसद में पेश करेंगी. संसद का बजट सत्र सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों के समक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होगा. संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने के बाद इसे सीईए (मुख्य आर्थिक सलाहकार) वी अनंत नागेश्वरन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा.
आर्थिक सर्वेक्षण की लाइव स्ट्रीमिंग:
आर्थिक सर्वेक्षण की लाइव स्ट्रीमिंग आप PIB के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/@pibindia/videos, वित्त मंत्रालय के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/finmin.goi के साथ ही ट्विटर https://twitter.com/FinMinIndia पर लाइव देख सकते है.
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
भारत का आर्थिक सर्वेक्षण भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक वार्षिक दस्तावेज (Annual document) होता है. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग तैयार करता है. आर्थिक सर्वेक्षण पिछले 12 महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की समीक्षा पर आधारित होता है.
इसे दो भागों पार्ट A और पार्ट B में बांटा गया है. पहले भाग में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति की सम्पूर्ण समीक्षा शामिल है, जबकि दूसरे पार्ट में अन्य मुद्दे जैसे स्वास्थ्य, गरीबी, जलवायु परिवर्तन और मानव विकास सूचकांक आदि शामिल होते है.
आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व:
आर्थिक सर्वेक्षण सभी प्रमुख सरकारी पहलों पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करता है. आर्थिक सर्वेक्षण एक सर्वेक्षण विश्लेषण करता है.
आर्थिक सर्वेक्षण इन्फ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चरल, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट, विदेशी मुद्रा भंडार आदि के प्रासंगिक रुझानों को प्रस्तुत करता है.
अर्थव्यवस्था की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व बहुत अधिक होता है जो बजट के पूर्व कड़ी के रूप में कार्य करता है.
इकॉनोमिक सर्वे आने वाले वित्तीय वर्ष देश की प्राथमिकताओं और अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की भी पहचान करता है.
आर्थिक सर्वेक्षण का इतिहास:
देश का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था. उस समय यह बजट दस्तावेजों का हिस्सा होता था. वर्ष 1964 में, इसे बजट दस्तावेजों से अलग कर दिया गया था उसके बाद से यह केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा.
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