भारत के इस राज्य में होता है लौंग का सबसे अधिक उत्पादन, जानें क्या है नाम

Aug 27, 2025, 12:50 IST

तमिलनाडु भारत में लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह देश के कुल उत्पादन में 80% से अधिक का योगदान देता है। आइए जानें कि तमिलनाडु लौंग की खेती में सबसे आगे क्यों है, इसके प्रमुख उत्पादक जिले कौन से हैं और भारतीय रसोई और दवाओं में लौंग का उपयोग कैसे किया जाता है।

लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य
लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य

तमिलनाडु भारत में लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो देश के कुल उत्पादन का 80% से अधिक हिस्सा है। इसका ज्यादातर उत्पादन राज्य के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी जिले से होता है। इस मसाले की खेती मुख्य रूप से पश्चिमी घाट में की जाती है, जहां यह नमी वाले मौसम और भरपूर बारिश में अच्छी तरह से उगता है।

भारत में लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है?

भारत में लौंग उत्पादन में तमिलनाडु पहले स्थान पर है। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के अनुसार, राज्य ने 2021-22 में लगभग 0.99 हजार टन लौंग का उत्पादन किया। लौंग की खेती मुख्य रूप से छोटे खेतों में होती है और इसे अक्सर अन्य मसालों या बागानी फसलों के साथ उगाया जाता है। यह मसाला स्थानीय अर्थव्यवस्था में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका उपयोग खाना पकाने, आयुर्वेद और यहां तक कि इत्र बनाने में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है।

तमिलनाडु कितना लौंग पैदा करता है?

तमिलनाडु भारत की 80% से अधिक लौंग का उत्पादन करता है। अकेले कन्याकुमारी जिला देश के उत्पादन में लगभग 65% का योगदान देता है। राज्य के अन्य प्रमुख लौंग उत्पादक क्षेत्रों में मरामलाई, करुम्पारई और वेल्लिमलाई जैसी जगहें शामिल हैं। लौंग की कटाई आमतौर पर दिसंबर और फरवरी के बीच होती है। इसके बाद सूखी फूलों की कलियों को घरेलू उपयोग और निर्यात के लिए प्रोसेस किया जाता है।

तमिलनाडु की लौंग में क्या खास है?

कन्याकुमारी की लौंग अपनी बहुत अधिक वाष्पशील तेल सामग्री के लिए जानी जाती है। इसमें यह तेल 21% होता है, जबकि सामान्य तौर पर यह 18% होता है। इसमें यूजेनॉल एसीटेट की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी खुशबू बहुत तेज होती है और इसका स्वाद भी बहुत दमदार होता है।

लौंग के बारे में रोचक तथ्य

-कन्याकुमारी लौंग को 2021 में उसके बेहतर तेल और सुगंध के लिए भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिला।

-लौंग असल में लौंग के पेड़ (Syzygium aromaticum) की सूखी हुई कलियां होती हैं, जिन्हें खिलने से ठीक पहले तोड़ा जाता है।

-लौंग में एंटीसेप्टिक और दर्द निवारक गुण होते हैं। इसलिए, इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में दांत दर्द, खांसी, अपच और सांस से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।

-भारत निर्यात से ज्यादा लौंग का आयात करता है। लेकिन, तमिलनाडु जैसे क्षेत्र GI टैग वाली किस्मों का निर्यात बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

-लौंग उगाने वाले क्षेत्रों में किसान अक्सर जायफल, दालचीनी और केले के साथ लौंग की खेती करते हैं। इससे जमीन का बेहतर उपयोग होता है और मिट्टी की सेहत में भी सुधार होता है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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