राजस्थान सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच हुए समझौते के मुताबिक गुर्जर समेत पांच जातियों को पांच फीसदी आरक्षण देने के लिए ओबीसी कोटे को 21 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी कर दी गई है. राजस्थान में गुर्जरों को पांच फीसदी आरक्षण देने के लिए अलग से जो एसबीसी (स्पेशल बैकवार्ड क्लास) बनाकर आरक्षण दिया गया था.
• इस गुर्जर आरक्षण के लिए पिछले 10 सालों में तीसरी बार राजस्थान सरकार विधानसभा में विधेयक लाने जा रही है.
• सरकार ने संकेत दिए हैं कि सितंबर 2017 के मानसून सत्र में सरकार इसके लिए विधेयक पेश करेगी.
• गुर्जर आंदोलन के बाद बनी चोपड़ा कमेटी ने 15 दिसंबर 2007 को गुर्जरों को पांच फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी.
• राजस्थान सरकार ने विधानसभा में 2008 में विधेयक पेश कर गुर्जरों को पांच फीसदी और 15 फीसदी आरक्षण आर्थिक रुप से अगड़ों को दिया था.
• राज्य में फिलहाल 28 फीसदी आरक्षण एससी-एसटी को है और 22 फीसदी ओबीसी को है जबकि एक फीसदी एसबीसी को है जिसमें गुर्जर समेत पांच जातियां है.
पृष्ठभूमि:
राजस्थान सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ जयपुर में समझौता वार्ता के बाद ये फैसला लिया. इस बार ओबीसी में ही वर्गीकरण कर गुर्जरों को आरक्षण दिया जाएगा. इसके लिए ओबीसी का कोटा बढ़ाया जाएगा. सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समूह और गुर्जर समाज के नेताओं के बीच लंबी वार्ता में सहमति बनी है कि गुर्जर समाज के साथ ही रायका, बंजारा, गडरिया, लुहार आदि जातियों को आरक्षण के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक लाया जाएगा. दूसरी ओर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर की और कहा कि गुर्जर ओबीसी में अलग से कोटा चाहते थे, सरकार ने ये मांग मान ली.
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