भारत के सबसे बड़े ड्राई डॉक का निर्माण किये जाने हेतु केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा हाल ही में परियोजना का शिलान्यास किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी परियोजना मेक इन इंडिया के तहत इसका निर्माण किया जायेगा.
कोचीन शिपयार्ड में पहले से ही दो ड्राइ डॉक मौजूद हैं, लेकिन वो दोनों ही इस नए बनने वाले ड्राइ डॉक से छोटे हैं. इस निर्माण के साथ ही भारत दक्षिण पूर्वी एशिया में जहाज़ मरम्मत का हब बन कर उभरेगा.
परियोजना के मुख्य बिंदु
• ड्राइ डॉक कोची का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में किया जाएगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत 1799 करोड़ रुपये है.
• यह नया ड्राइ डॉक 310 मीटर लंबा व 75 मीटर चौड़ा होने के साथ ही 13 मीटर गहरा भी होगा.
• इस डॉक का उपयोग समुद्री जहाज के निर्माण व उसकी मरम्मत के लिए किया जाएगा.
• इस डॉक में एलएनजी कैरिज, ड्रिल शिप व इंडियन नैवी के विमानवाहक पोत को भी खड़ा किया किया जा सकेगा.
• इस ड्राइ डॉक के निर्माण के साथ ही वैश्विक जहाज़ निर्माण में भारत की हिस्सेदारी में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.
• वर्तमान समय में वैश्विक जहाज़ निर्माण कार्य में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.66 प्रतिशत की है, ऐसे में यह परियोजना देश में जहाज़ निर्माण व्यवसाय को नयी दिशा देगी.
• इस परियोजना के मई 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है. इस निर्माण कार्य से जुड़े लोगों का मानना है कि इसके बनने से देश के जहाज़ निर्माण व्यवसाय में एक नया आयाम देखने को मिलेगा, साथ ही इसके तहत करीब 2 हज़ार लोगों को नौकरी भी मिलेंगी.
ड्राई डॉक (शुष्क गोदी) |
ड्राई डॉक (शुष्क गोदी) एक ऐसा संरचित क्षेत्र होता है जिसमें व्यापारिक जहाजों और नौकाओं के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव संबंधी कार्य किए जाते हैं. इसके विशेष प्रकार के निर्माण में पानी भरा जा सकता है जिसे लॉक एरिया कहा जाता है, इससे जहाज इस क्षेत्र में आ-जा सकते हैं. एक बार जहाज के अंदर आ जाने पर मुख्य द्वार बंद कर दिए जाते हैं तथा समुद्र के पानी को बाहर निकाल दिया जाता है. ऐसा करने पर जहाज को लंबे समय तक यहां रखा जा सकता है तथा मरम्मत का काम किया जा सकता है. |
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी का अनावरण
Comments
All Comments (0)
Join the conversation