केंद्र सरकार ने ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में 51% हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की है. सरकार के पास वर्तमान में ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन के 73.47% शेयर हैं. ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन कंपनी सीपोर्ट्स को ड्रेजिंग सर्विसेज प्रदान करती है.
केंद्र सरकार द्वारा इस पर क्रियान्वयन हेतु कैबिनेट नोट तैयार किया गया है. कैबिनेट नोट को संबंधित मंत्रालयों के मध्य सहमति हेतु भेज दिया गया है. इस क्षेत्र में अत्यधिक प्रतयोगिता होने के कारण सरकारी कंपनियों की भूमिका यहाँ बहुत सीमित है.
अगले वित्त वर्ष के मध्य तक सरकार द्वारा इस कंपनी में रणनीतिक हिस्सेदारी बेचे जाने का निर्णय किया जा सकता है. कंपनी के 13% शेयर सरकारी फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के पास हैं. वर्तमान में कंपनी शेयर की कीमत के अनुस्सर 51% हिस्सेदारी की वैल्यू 636 करोड़ रुपये आंकी गयी है.
ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन के बारे में-
- ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन मिनी रतन कंपनी है और इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने हेतु प्राइवेट इन्वेस्टर्स रुचि दिखा सकते हैं.
- इस बुनियाद पर निवेशक इसे ग्रोथ की राह पर ले जा सकते हैं.
- हाल ही में ड्रेजिंग को बांग्लादेश में भी एक प्रॉजेक्ट मिला है. इसके लिए कई अन्य बड़ी कंपनियां भी प्रतियोगिता में थी.
- दिसंबर 2016 क्वॉर्टर में ड्रेजिंग को 14 करोड़ का मुनाफा हुआ. साल भर पूर्व इसी तिमाही में ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन 19.62 करोड़ रुपये के घाटे में थी.
- ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन का कुल खर्च घटकर 134 करोड़ रुपये रह गया.
- ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ने इनलैंड ड्रेजिंग बिजनेस में भी शुरूआत की है.
- 'कंपनी की ऑपरेशनल आय भी कम हुई है. इसके टर्नअराउंड में कई साल का समय लग सकता है.
- ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन की ऑपरेशनल आय अक्टूबर क्वॉर्टर में गिरकर 151.89 करोड़ रुपये रह गई. जो साल भर पूर्व इसी तिमाही में 161.40 करोड़ रुपये थी.
केंद्र सरकार का निर्णय-
- केंद्र सरकार पहले ही इस सेक्टर में विदेशी निवेश की अनुमति प्रदान कर चुकी है.
- केंद्र सरकार के इस फैसले से इस सेक्टर में प्रतियोगिता और बढ़ेगी.
- वर्ष 2017-18 में केंद्र सरकार ने 72,500 करोड़ का भारी-भरकम डिसइन्वेस्टमेंट टारगेट रखा है.
- इसमें से 46,500 करोड़ रुपये रेग्युलर स्टेक सेल से हासिल करने की योजना है.
- इसके तहत तीन सरकारी बीमा कंपनियों की शेयर बाजार में लिस्टिंग भी होनी है.
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