एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने 28 फरवरी 2017 को 800 किलोमीटर लंबे विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे (कॉरिडोर) के विकास हेतु 375 मिलियन डॉलर के ऋण एवं अनुदान समझौते पर हस्ताक्षर किए.
यह एक नियोजित 2500 किलोमीटर लंबे पूर्वी तट आर्थिक गलियारे (ईसीईसी) का प्रथम चरण है. इस गलियारे से भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के अनुरूप भारत के पूर्वी तट पर विकास की रफ्तार बढ़ने की आशा है, ताकि एशिया के गतिशील वैश्विक उत्पादन नेटवर्कों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने के लिए विनिर्माण एवं ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को नई गति प्रदान की जा सके.
समझौते के मुख्य बिंदु
• एडीबी द्वारा स्वीकृत किए गए ऋणों में गलियारे के आस-पास स्थित चार प्रमुख केन्द्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 500 मिलियन डॉलर की बहु-किस्त सुविधा शामिल है.
• इन चार प्रमुख केन्द्रों में आंध्र प्रदेश राज्य के विशाखापत्तनम, काकीनाडा, अमरावती और येरपेडु-श्रीकलहस्ती शामिल हैं.
• 245 मिलियन डॉलर की पहली किस्त पर दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए, जिससे इस गलियारे के चार केन्द्रों में से दो केन्द्रों में उच्च गुणवत्ता वाले आंतरिक बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी उप-परियोजनाओं का वित्त पोषण किया जाएगा.
• इन दो केन्द्रों में से विशाखापत्तनम और येरपेडु-श्रीकलहस्ती शामिल हैं.
• हस्ताक्षरित किए गए इस समझौते का एक अन्य हिस्सा 125 मिलियन डॉलर के नीति आधारित ऋण के रूप में है जिसका उपयोग गलियारे के प्रबंधन में संलग्न संस्थानों के क्षमता विकास, कारोबार में आसानी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सहायता देने और औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने के लिए औद्योगिक एवं क्षेत्र संबंधी नीतियों को आवश्यक सहायता प्रदान करने में किया जाएगा.
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