भारत सरकार और विश्व बैंक ने मिजोरम में प्रबंधन क्षमता और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए 32 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मिजोरम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं. यह परियोजना विशेष रूप से अल्प-सेवित क्षेत्रों और कमजोर समूहों के लाभ के लिए होगी.
भारत सरकार की ओर से रजत कुमार मिश्रा, अतिरिक्त सचिव, आर्थिक मामले विभाग, वित्त मंत्रालय सहित, मिजोरम सरकार की ओर से एरिक जोमावाई, परियोजना निदेशक, मिजोरम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना, और जुनैद अहमद, कंट्री डायरेक्टर, विश्व बैंक की ओर से 17 जून, 2021 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
मिजोरम में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग और वितरण पर कोरोना वायरस महामारी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. यह परियोजना आगे भविष्य की महामारियों, प्रकोपों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए अधिक लचीली प्रतिक्रिया के उद्देश्य से, ऐसे किसी भी संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए निवेश करेगी.
महत्त्व
इस मिजोरम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना से, मिजोरम के सभी 8 जिलों के लोगों को लाभ होगा.
यह परियोजना स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए, विशेष रूप से माध्यमिक और प्राथमिक स्तर पर, उनके नैदानिक कौशल और दक्षताओं के निर्माण के साथ-साथ, उनके प्रबंधन और नियोजन क्षमता को मजबूत करके, उनके लिए भी फायदेमंद होगी.
मिजोरम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना के उद्देश्य
• यह स्वास्थ्य विभाग और उसकी सहायक कंपनियों के प्रबंधन और नियमन संरचना को मजबूत करेगी.
• यह परियोजना राज्य सरकार की स्वास्थ्य प्रणालियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज/ विस्तार में सुधार करेगी.
• यह परियोजना एक व्यापक गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में भी निवेश करेगी जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं के गुणवत्ता प्रमाणन को सक्षम बनाया जा सके.
• इस परियोजना का मुख्य फोकस राज्य स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम की प्रभावशीलता को मजबूत करना भी होगा.
• प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ तालमेल बनाना भी इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य होगा.
• अस्पताल सेवाओं तक पहुंचने में वित्तीय बाधाओं को कम करना और गरीब परिवारों द्वारा स्वास्थ्य पर होने वाले विनाशकारी खर्च को रोकना.
मिजोरम स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण परियोजना: प्रमुख कार्यनीतियां
• राज्य सरकार द्वारा यह परियोजना एक प्रदर्शन-आधारित वित्तपोषण प्रणाली की ओर बढ़ेगी, जहां स्वास्थ्य विभाग और उसकी सहायक कंपनियों के बीच आंतरिक प्रदर्शन समझौते (IPAs) सभी स्तरों पर अधिक जवाबदेही को बढ़ावा देंगे जिससे प्रबंधन प्रणाली में और सुधार हो सके.
• यह परियोजना विभिन्न योजनाओं के बीच तालमेल को बढ़ावा देने और राज्य बीमा एजेंसी की क्षमता का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
• जैव-चिकित्सीय अपशिष्ट प्रबंधन (तरल और ठोस अपशिष्ट दोनों) के लिए समग्र पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के लिए इस परियोजना के माध्यम से निवेश किया जाएगा.
• इसमें पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ, स्वास्थ्य सेवा और रोगी सुरक्षा की गुणवत्ता में सुधार करते हुए कीटाणुशोधन, संग्रह और अलगाव भी शामिल होगा.
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