एशियाई विकास बैंक (एडीबी) तथा भारत सरकार ने मुम्बई मेट्रो रेल प्रणाली की दो लाईनों को चालू करने के लिए 01 मार्च 2019 को 926 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये. इस समझौते से लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा और शहर स्वच्छ होगा तथा भीड़-भाड़ कम करने में मदद मिलेगी. ऋण समझौते पर एडीबी की ओर से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने हस्ताक्षर किये.
लाभ
वर्ष 2022 के अंत तक इन लाईनों के चालू होने से अनुमानित 2 मिलियन यात्री एक दिन में दो नई लाईनों का उपयोग करेंगे और पहले से अधिक सुरक्षित और आरामदायक ढंग से यात्रा करेंगे. इससे वाहनों के उत्सर्जन में कमी आयेगी और कार्बन डाईआक्साईड उत्सर्जन में एक वर्ष में लगभग 166,000 टन की कमी आयेगी.
एडीबी बोर्ड द्वारा स्वीकृत यह ऋण एडीबी के इतिहास में सबसे बड़ा एकल आधारभूत परियोजना ऋण है और इससे लाईन 2ए (दहिसर से डी एन नगर), 2बी (डी एन नगर – बांद्रा – मंडाले) तथा 7 (दहिसर पूर्व से अंधेरी पूर्व) की कुल 58 किलोमीटर लंबी रेललाईन का वित्त पोषण होगा. यह परियोजना 63 छह डिब्बों की ट्रेन, सिग्नल तथा सुरक्षा प्रणालियों के लिए धन-पोषण करेगी और मुम्बई में संपूर्ण मेट्रो नेटवर्क के प्रबंधन के लिए समर्पित नये मेट्रो संचालन संगठन की स्थापना में मदद देगी. परियोजना मुम्बई महानगरीय क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) लागू करेगा.
मुंबई में नई परिवहन व्यवस्थाएं
परिवहन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए सरकार ने 276 किलोमीटर लंबी 12 मेट्रो लाईनों के लिए योजना विकसित की है. सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर 2014 में लाईन-1 पूरी की गई. इस लाईन पर एक दिन में 400,000 यात्री सफर करते हैं और इसके पूर्व-पश्चिम मार्ग पर यात्रा समय 71 मिनट से घटकर 21 मिनट हो गया है. दो अन्य मेट्रो लाईनों से यात्रा में सुगमता आयेगी और शहर रहने योग्य तथा स्पर्धी बनेगा. कई बार स्टेशनों तक की पहुंच कठिन होती है, इसलिए एडीबी इलेक्ट्रिक वाहन तथा गैर-मोटर वाहन के माध्यम से अंतिम छोर तक संपर्क को सुधारने में एमएमआरडीए को मदद दे रहा है.
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