भारत सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत मास्क और हैंड सेनिटाइज़र को 30 जून 2020 तक आवश्यक वस्तु अधिसूचित किया है. सरकार ने यह घोषणा इसलिए की है क्योंकि अधिकांश विक्रेताओं ने कहा है कि ये वस्तुएं स्टॉक से बाहर हो गई हैं.
भारत में COVID-19 (कोरोना वायरस) के वर्तमान प्रकोप के कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है. सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत एक एडवाइजरी भी जारी की है.
राज्यों को अधिक अधिकार
आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत, राज्य निर्माताओं से परामर्श कर सकते हैं और उन्हें इन वस्तुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कह सकते हैं. हालांकि, लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम के तहत, राज्य अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर इन दो वस्तुओं की बिक्री सुनिश्चित कर सकते हैं.
राज्य अब अपने राजपत्र में केंद्र सरकार के आदेश को अधिसूचित कर सकते हैं और इन दो वस्तुओं के विषय में आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आदेश भी जारी कर सकते हैं. संबंधित राज्य वहां की परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई कर सकते हैं.
आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत, केंद्र सरकार की शक्तियां राज्यों को पहले ही दी जा चुकी हैं. इसलिए, राज्य और संघ शासित प्रदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम और कालाबाजारी की रोकथाम और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं.
सज़ा
नियम का उल्लंघन करने वालों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सात साल तक कारावास या जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है. प्रिवेंशन ऑफ बर्ग्लरी एंड सप्लाई ऑफ एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट के तहत उन्हें अधिकतम 6 महीने के लिए नजरबंद किया जा सकता है.
हेल्पलाइन
राज्यों को यह भी कहा गया है कि वे उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत दर्ज कराने के लिए उपभोक्ता हेल्पलाइन जारी करें. इस संबंध में, उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 पर अपनी शिकायत की जा सकती है. ऑनलाइन शिकायत www.consumerhelpline.gov.in पर की जा सकती है और ईमेल dsadmin-ca@nic.in और dirwm-ca@nic.in, secy.doca@gov.in पर भेजे जा सकते हैं.
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