केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को हराने के लिए एक उच्च स्तरीय टास्कफोर्स का गठन किया है. यह टास्कफोर्स महामारी से निपटने हेतु टीके के विकास और दवा के परीक्षण पर काम करेगा. नीति आयोग के सदस्य और सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार इसके सह अध्यक्ष होंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यह टास्क फोर्स कोरोना वायरस के वैक्सीन की खोज के लिए एकेडमिक, औद्योगिक और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को प्रोत्साहित करने का काम करेगा. कोरोना के वैक्सीन और ड्रग परीक्षण के मोर्चे पर काम करने हेतु एक उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
उद्देश्य
टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उद्योग और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को सक्षम बनाना और गति देना है.
टास्क फोर्स को मिली ये जिम्मेदारी
इस टास्क फोर्स के तहत, वैक्सीन के विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को केंद्रीय समन्वय समिति बनाया गया है. यह वैक्सीन विकास के लिए मार्गों की पहचान करने के लिए प्रयास करेगा. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि वैक्सीन विकास पर काम करने वालों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की सक्रिय सूची बनाने और उनकी प्रगति की निगरानी करने के प्रयास करेंगे.
टास्क फोर्स के सदस्य
टास्क फोर्स में आयुष विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जैवप्रौद्योगिकी विभाग, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सदस्य और महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं और औषधि नियंत्रक भी शामिल होंगे.
टास्क फोर्स क्लीनिकल समूह बनाने पर भी काम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि टास्क फोर्स क्लीनिकल समूह बनाने पर भी काम करेगा. यह समूह इस बीमारी को बेहतर तरीके से समझने एवं उसके प्रबंधन के लिए लोगों पर लंबे समय तक नजर रखेगा. उन्होंने कहा कि हम टीके और दवा पर आगे परीक्षण के लिए जैव नमूने भी एकत्र करेंगे. यह काम नमूने की जांच के काम से एकदम अलग होगा.
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