प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अगस्त 2020 को कहा कि बंगाल की खाड़ी में पोत परिवहन को नया आयाम देते हुये ग्रेट निकोबार द्वीप में 10,000 करोड़ रुपये की लागत से एक पोतांतरण बंदरगाह (ट्रांसशिपमेंट पोर्ट) का निर्माण करने की योजना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में अंडमान निकोबार, बंदरगाह विकास से जुड़ी गतिविधियों के बड़े केन्द्र के रूप में विकसित होने वाला है. यह जानकारी प्रधानमंत्री ने चेन्नई से अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह को तेज इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने वाली पहली समुद्री आप्टिकल फाइबर परियोजना का वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उद्घाटन करते हुए अपने संबोधन में दी.
1,224 करोड़ रुपये की लागत
भारत की मुख्य भूमि से 2,312 किलोमीटर दूर तक इस केबल को समुद्र के अंदर बिछाया गया है जिस पर 1,224 करोड़ रुपये की लागत आई है. इससे इस द्वीप समूह को ‘बेहतर और सस्ती ब्रॉडबैंड’ संपर्क सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि अंडमान निकोबार को बंदरगाह से जुड़ी तमाम विकास गतिविधियों के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. यह क्षेत्र दुनिया के कई ट्रांसशिपमेंट बंदरगाहों के मुकाबले काफी प्रतिस्पर्धी दूरी पर स्थित है.
10 हज़ार करोड़ रुपए की संभावित लागत
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब ग्रेट निकोबार में करीब दस हज़ार करोड़ रुपए की संभावित लागत से पोतांतरण बंदरगाह (ट्रांस शिपमेंट पोर्ट) के निर्माण की योजना है. कोशिश ये है कि आने वाले 4-5 साल में इसके पहले चरण को पूरा कर लिया जाए.
युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे
जब ये बंदरगाह एक बार बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां बड़े-बड़े जहाज़ भी रुक पाएंगे. इससे समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार के नए मौके मिलेंगे.
दो भौगोलिक फायदे
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप पर विकसित हाने वाले माल परिवहन के लिये समर्पित रणनीतिक कंटेनर पोतांतरण टर्मिनल के दो भौगोलिक फायदे होंगे. पहला यह व्यस्त पूर्वी- पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय जहाजरानी मार्ग के नजदीक है. यह पोतांतरण की बेहतर सुविधा देगा और कारोबारी गतिविधियां बढ़ेगी.
दूसरा इस क्षेत्र में आधुनिक पीढ़ी वाले बड़े जहाजों की आवाजाही भी हो सकेगी. पोतांतरण बंदरगाह पर माल को बड़े जलपोतों से उतार कर उसके गंतव्य तक पहुंचाने वाले दूसरे छोटे जहाजों पर लादा जाता है. गहरे समुद्र में चलने वाले बड़े जलपोत कम गहराई वाले बंदरगाहों तक नहीं पहुच पाते हैं.
बंदरगाहों के नेटवर्क को सशक्त बनाना बहुत ज़रूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, वैश्विक विनिर्माण केन्द्र के रूप में, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के एक अहम भागीदार के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे जलमार्गो और बंदरगाहों के नेटवर्क को सशक्त बनाना बहुत ज़रूरी है.
अंडमान निकोबार में तमाम आधुनिक ढांचा तैयार
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान निकोबार में तमाम आधुनिक ढांचा तैयार हो रहा है. इससे समुद्री आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा. मछलीपालन, एक्वाकल्चर, सीवीड फार्मिग जैसे कई लाभों की दुनिया में चर्चा हो रही है. कई देश इनकी संभावनाओं को देख रहे हैं.
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