Padma Shri Award: केंद्र सरकार ने 08 नवंबर 2021 को कर्नाटक के हरेकाला हजब्बा (Harekala Hajabba) को भारत का चौथा सबसे प्रमुख नागरिक सम्मान पद्मश्री पुरस्कार दिया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में हरेकाला हजब्बा को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.
हरेकाला हजब्बा को यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने के लिए दिया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में हरेकाला हजब्बा को देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक पद्मश्री से नवाजा. अक्षर संत कहे जाने वाले हरेकाला हजब्बा को कभी खुद स्कूल में औपचारिक शिक्षा नहीं मिली.
| उनका नाम पद्म श्री के लिए जनवरी 2020 में स्वीकृत किया गया था, लेकिन कोरोना के चलते देरी के कारण उन्हें अब जाकर ये सम्मान मिला है. |
जानें कौन हैं हरेकाला हजब्बा?
• हरेकाला हजब्बा कर्नाटक के मैंगलोर शहर में एक संतरा विक्रेता हैं. उनकी उम्र 65 साल है. अपने गांव में स्कूल न होने की वजह से हरेकाला हजब्बा पढ़ाई न कर सके, लेकिन शिक्षा के प्रति समर्पण ऐसा था कि अब वो शिक्षितों के लिए भी मिसाल बनकर उभरे हैं.
• हरेकाला हजब्बा ने अपने गांव में संतरा बेचने के व्यापार से पैसे जोड़कर उन्होंने गांव के बच्चों के लिए स्कूल बनवाया और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में सफल रहे. वे खुद पढ़ाई नहीं कर सके क्योंकि उनके गांव में स्कूल नहीं था.
• हरेकाला हजब्बा कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ा के गांव न्यू पाड़ापू में रहते हैं. बचपन से मुफलिसी के साए में रहे हरेकाला को हमेशा स्कूल न जा पाने का गम सताता रहा. इसी गम ने उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा दी.
• हरेकाला हजब्बा ने सोचा कि क्या हुआ अगर मैं स्कूल नहीं जा पाया. उन्होंने अपनी कमाई स्कूल बनाने में लगा दी.
पद्मश्री: एक नजर में
पद्मश्री: पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है. भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है.
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