1 अप्रैल 2016 को हरियाणा सरकार ने कम और मध्यम क्षमता वाले शहरों के लिए सस्ता भूखंड आवास नीति 2016 जिसे दीन दयाल जन आवास योजना भी कहा जाता है, अधिसूचित कर दिया.
नीति का उद्देश्य राज्य में कम और मध्यम क्षमता वाले शहरों में जहां छोटे भूखंड उदार नीति रुपरेखा के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे, उच्च घनत्व वाली कॉलोनियों के विकास को प्रोत्साहित करना है.
नीति की विशेषताएं
• यह नीति राज्य के कम और मध्यम क्षमता वाले शहरों में अतिरिक्त सस्ती आवासीय शेयर के निर्माण को सक्षम बनाएगी.
• लाइसेंस दिए जाने की तारीख से सभी परियोजनाओं को सात वर्षों के भीतर पूरा करना होगा.
• आवासीय क्षेत्र के तहत शुद्ध नियोजित इलाके का अधिकतम 30 फीसदी इलाका जिसमें सामुहिक आवासी परियोजनाओं का 20 फीसदी इलाका सीमा भी शामिल होगा, को इस नीति के तहत परियोजनाओं के लिए मंजूर किया जा सकता है.
• ऐसी परियोजनाओं के लिए न्यूनतम और अधिकतम शुद्ध नियोजित क्षेत्र क्रमश: 5 एकड़ और 15 एकड़ होगा. सेक्टर सड़कों के तहत लाइसेंस क्षेत्र का 10 फीसदी से अधिक हिस्सा नहीं आएगा.
• एक भूखंड के लिए अधिकतम स्वीकार्य क्षेत्र 150 वर्ग मीटर होगा.
• सामुदायिक सुविधाओं के लिए बस्ती बनाने वाला लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी का 10 फीसदी इलाका सरकार को मुफ्त में देगा. भूखंडों में स्वतंत्र तलों का पंजीकरण और भूतल पार्किंग की अनुमति होगी.
• 50 फीसदी आवासीय भूखंडों का आवंटन जिसमें बिक्री योग्य क्षेत्र शामिल हो ( विभाग द्वारा फ्रिज किए गए 50 फीसदी क्षेत्र को छोड़कर) लाइसेंसधारी या कोलोनाइजर द्वारा पहले चरण में लिया जाएगा.
• लाइसेंसधारी फ्रोजन क्षेत्र में भी साथ– साथ विकास कार्य करवा सकता है.
• आंतरिक विकास कार्य को 15 फीसदी क्षेत्र गिरवी मिलेगा और यह कॉलोनी में आईडीडब्ल्यू के पूरा होने तक विभाग द्वारा फ्रिज किए गए 50 फीसदी इलाके का हिस्सा होगा.
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