केंद्र सरकार ने स्वच्छ धन अभियान शुरू कर दिया है. इसके तहत सरकार ने काले धनकुबेरों को पकड़ने हेतु नया सॉफ्टवेयर ऑपरेशन क्लीन मनी लांच किया. सॉफ्टवेयर के माध्यम से केंद्र सरकार काला धन एकत्रित करने वाले लोगों पर कारवाही कर सकेगी.
ऑपरेशन क्लीन मनी 8 नवंबर के बाद अकाउंट में संदिग्ध मोटी रकम जमा करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए शुरू किया गया है. आयकर विभाग ने 18 लाख ऐसे लोगों की पहचान की है. जिन्होंने नोटबंदी के बाद अपने अकाउंट में पांच लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा की है.
केंद्र सरकार की कार्यवाही-
- केंद्र सरकार ऐसे लोगों को ईमेल और एसएमएस भेजकर उनसे इस जमा रकम के बारे में जवाब मांगा जाएगा.
- पांच लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा लोगों को मैसेज मिलने के 10 दिन के भीतर जवाब देना होगा.
- जवाब ने देने पर आयकर विभाग द्वारा नोटिस भेजकर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.
राजस्व सचिव हंसमुख अधिया के अनुसार ऑपरेशन क्लीन मनी/स्वच्छ धन अभियान एक प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर है. यह सॉफ्टवेयर उन लोगों से जवाब मांगने के लिए प्रयोग किया जाएगा जिन्होंने नोटबंदी के बाद संदिग्ध रकम जमा की है. उनके जवाब से संतुष्ट न होने पर आयकर विभाग द्वारा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स के चेयरमैन सुशील चंद्रा के अनुसार ऐसे लोगों को जवाब हेतु 10 दिन का समय प्रदान किया जाएगा.
शुरुआती चरण में उन लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं जिन्होंने 5 लाख या उससे ज्यादा रकम जमा की है या फिर जिन्होंने 3 लाख से पांच लाख रुपये तक जमा किए हैं.साथ ही जिन लोगों का टैक्स विवरण इससे मेल नहीं खाता.
- आयकर विभाग अभी 18 लाख कर दाताओं को इसके दायरे में लाया है.
- इनका डाटा ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा.
- आयकर विभाग के नोटिस के जवाब में इन लोगों को जमा किए गए पैसे का सोर्स बताना होगा.
सरकार की आशंका-
- केंद्र सरकार के अनुसार एक करोड़ से अधिक ऐसे अकाउंट हैं जिनमें 2 लाख से ज्यादा की रकम जमा हुई. इनमें से 70 लाख लोगों के पैन नंबर दिए गए.
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के बाद के 50 दिनों में करीब 3-4 लाख करोड़ रुपये की काली कमाई बैंकों में जमा हुई.
- इस रकम को जमा करने हेतु सहकारी बैंकों और जनधन खातों का भी प्रयोग किया गया.
विनिमय कानून-
इससे पहले बेनामी विनिमय कानून के तहत देशभर में 42 मामलों में 87 नोटिस जारी किये गए.
इस कानून में भारी जुर्माना और अधिकतम सात साल के सश्रम कारावास का प्रावधान है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation