हीरो साइकिल ग्रुप के सह-संस्थापक, सत्यानंद मुंजाल का 14 अप्रैल 2016 को लुधियाना स्थित मॉडल टाउन में निधन हो गया. वे 99 वर्ष के थे.
उन्हें महात्मा सत्यानंद मुंजाल के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि वे आर्य समाज से सम्बंधित विभिन्न सामजिक उत्थान कार्यो से जुड़े थे.
सत्यानंद ने अपने तीन भाइयों ओम प्रकाश मुंजाल, बृजमोहन लाल मुंजाल एवं दयानंद मुंजाल के साथ मिलकर हीरो ग्रुप की स्थापना की. वे वर्तमान पाकिस्तान में स्थित कमालिया नामक छोटे शहर के रहने वाले हैं.
उन्होंने हीरो साइकिल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) के रूप में कार्य किया.
सत्यानंद मुंजाल परोपकारी कार्यों जैसे बहादुर चंद मुंजाल (बीसीएम) आर्य स्कूल, हीरो डीएमसी हृदय संस्थान, दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (डीएमसीएच) के लिए भी जाने जाते हैं.
हीरो ग्रुप
• बंटवारे के बाद स्वतन्त्र भारत में, मुंजाल भाइयों ने लुधियाना में वर्ष 1956 में हीरो साइकल्स के नाम से कम्पनी शुरू की.
• वर्ष 1975 तक हीरो भारत की सबसे अधिक साइकिल बनाने वाली कम्पनी बन गयी जहां प्रतिदिन 7500 साइकिलें बना करती थीं.
• वर्ष 1984 में हीरो ग्रुप ने जापान की होंडा मोटर्स के साथ गठजोड़ करके हीरो होंडा मोटर्स लिमिटेड की स्थापना की. यह कम्पनी जल्द ही भारत की अग्रणी मोटरसाइकिल निर्माता कम्पनी बन गयी.
• वर्ष 1986 में हीरो साइकिल प्रतिदिन 18500 साइकिलें बनाता था, जो कि विश्व में सबसे अधिक आंकड़ा है. इसमें 48 प्रतिशत साइकिलें भारत के लिए बनाई जाती थीं. इसे जल्द ही सबसे अधिक साइकिल बनाने वाली कम्पनी के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल किया गया.
• वर्ष 2004 में हीरो होंडा 48 प्रतिशत भारतीय शेयर के साथ विश्व की सबसे अधिक दोपहिया वाहन निर्माता कम्पनी बनी.
• अगस्त 2011 में हीरो और होंडा पृथक हो गये, दोनों ने अलग होकर हीरो मोटो कोर्प एवं होंडा ग्रुप नाम से कार्य आरंभ किया.
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