अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर सकता है, जबकि उस साल चीन का विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि जरूरी आर्थिक सुधारों से भारत की आर्थिक ग्रोथ में जोरदार तेजी आएगी. हालांकि आईएमएफ ने साल 2017 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दी है.
भारत के 'घरेलू मार्केट का एकीकरण' करने वाले जीएसटी जैसे सुधारों से विकास दर में बाद में तेजी आएगी और ये 8 प्रतिशत को पार कर जाएगी. साथ ही आने वाले दिनों में बिजनेस के लिए माकूल माहौल बनाने के लिए श्रम सुधार और भूमि सुधार कानूनों को भी लागू किया जाएगा.
आईएमएफ ने इससे पहले जुलाई और अप्रैल में अपने अनुमान जारी किये थे. भारत का आर्थिक विकास दर 2016 में 7.1 प्रतिशत रहा था. हालांकि, ये दर अप्रैल के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक रही. वर्ष 1999 और वर्ष 2008 के बीच भारत का औसत विकास दर 6.9 प्रतिशत रहा, उसके बाद वर्ष 2009 में ये 8.5 प्रतिशत, वर्ष 2010 में 10.3 प्रतिशत, वर्ष 2011 में 6.6 प्रतिशत रहा.
इसी तरह वर्ष 2012, वर्ष 2013, वर्ष 2014 में विकास दर 5.5 प्रतिशत, 6.4 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत रहा. वहीं, ग्लोबल लेवल पर आईएमएफ ने विकास दर वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में क्रमश: 3.6 प्रतिशत, 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
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