Russia-Ukraine crisis: भारत ने दूसरी बार UN में वोटिंग से किया परहेज, जानें वजह

Feb 28, 2022, 16:22 IST

Russia-Ukraine crisis: यह पिछले एक हफ्ते में ये दूसरा मौका है, जब भारत ने चीन एवं संयुक्त अरब अमीरात के साथ वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहा है. 

India Abstains From Voting At UNGA Emergency Special Session On Russia-Ukraine War
India Abstains From Voting At UNGA Emergency Special Session On Russia-Ukraine War

Russia-Ukraine crisis: भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक बार फिर से यूक्रेन युद्ध के वक्त तटस्थ रहने का फैसला किया है. यह पिछले एक हफ्ते में ये दूसरा मौका है, जब भारत ने चीन एवं संयुक्त अरब अमीरात के साथ वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहा है. आपको बता दें कि, भारत ने यूक्रेन और रूस के बीच प्रस्तावित बैठक का जरूर स्वागत किया है.

यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में रूस की आक्रामकता को लेकर फिर से बैठक बुलाई गई थी. इसमें यूक्रेन संकट पर विशेष आपात सत्र बुलाए जाने पर वोटिंग की गई. हालांकि, भारत एक बार फिर से वोटिंग से दूर रहा. भारत के अतिरिक्त चीन और संयुक्त अरब अमीरात भी वोटिंग से गैर-हाजिर रहा.

हाल ही में बैठक हुई थी

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक हुई थी. इसमें रूस की सख्त आलोचना करने वाला प्रस्ताव लाया गया था. उस प्रस्‍ताव पक्ष में ग्यारह देशों ने मतदान किया था जबकि भारत, चीन एवं यूएई वोटिंग से अनुपस्थित रहे थे. रूस ने प्रस्ताव को रोकने हेतु वीटो का इस्तेमाल किया था.

टीएस तिरुमूर्ति ने क्या कहा?

UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने चर्चा के दौरान कहा कि सीमा पार से संघर्ष एवं अनिश्चित स्थितियों से हमारे नागरिकों की निकासी के प्रयासों पर प्रभाव पड़ा है. यह मानवीय जरूरत है जिस पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आज भी मतदान से खुद को बाहर रखने का फैसला किया है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने 28 फरवरी के वोट के स्पष्टीकरण में कहा कि यह खेदजनक है कि इस मामले पर परिषद के आखिरी बार बुलाई गई बैठक के बाद से यूक्रेन में स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है. भारत के स्थाई प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने रेखांकित करते हुए कहा कि कूटनीति एवं संवाद के रास्ते पर लौटने के अतिरिक्त और कोई चारा नहीं है.

1982 के बाद ये पहला मौका

साल 1982 के बाद ये पहला मौका है, जब यूएनएससी ने विशेष आपातकालीन सत्र हेतु मामले को यूएनजीए में भेजने का फैसला किया गया है. यूएनएससी में अमेरिका ने कहा कि हम एक ऐसे प्रस्ताव पर अपना वोट डालेंगे, जो रूस के अक्षम्य कार्यों एवं उसके उल्लंघनों हेतु उसे जिम्मेदार ठहराएगा.

पांच स्थायी सदस्य

गौरतलब है कि यूएनएससी के विशेष सत्र में पांच स्थायी सदस्यों के साथ 10 अस्थायी सदस्य भी शामिल हुए. सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों - चीन, फ्रांस, रूस, यूके एवं यूएस में से कोई भी अपने वीटो का प्रयोग नहीं कर सकता था.

निंदा प्रस्ताव लाया गया

गौरतलब है कि यूएनएससी में यूक्रेन पर रूस के हमलों के विरुद्ध पश्चिमी देशों की ओर से एक निंदा प्रस्ताव लाया गया था. इस प्रस्ताव का ग्यारह देशों ने समर्थन किया था, जबकि भारत समेत तीन देश इस प्रस्ताव पर वोटिंग से गायब रहे थे. भारत ने यह साफ कर दिया था कि वह यूक्रेन में हुई तबाही से बहुत चिंतित है और उसे अफसोस है कि कूटनीति का रास्ता काफी जल्दी छोड़ दिया गया.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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