भारत के नीति आयोग और नीदरलैंड के दूतावास, नई दिल्ली ने स्वच्छ और अधिक ऊर्जा को हासिल करने के लिए डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा संक्रमण एजेंडा का समर्थन करने के लिए SOI (स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट) पर हस्ताक्षर किए हैं. इन दोनों देशों के द्वारा ये हस्ताक्षर इस 28 सितंबर, 2020 को किए गये थे.
इस SOI पर नीति आयोग के CEO, श्री अमिताभ कांत और भारत में नीदरलैंड के राजदूत मार्टन वैन डेन बर्ग ने हस्ताक्षर किए थे. इन दोनों देशों के बीच इस साझेदारी का फोकस दोनों देशों की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर नवीन तकनीकी समाधानों का सह-निर्माण करना है.
भारत और नीदरलैंड द्वारा SOI पर हस्ताक्षर
भारत में नीदरलैंड के राजदूत के अनुसार, यह SOI न केवल दो देशों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) हासिल करने में भी मदद करेगा.
इस हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान, राजदूत ने यह भी कहा कि, जबकि भारत और नीदरलैंड अपने ऊर्जा क्षेत्र में लगातार बदलाव ला रहे हैं, ये दोनों ही देश इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि, इस SOI के तहत शुरू की गई विभिन्न पहलें दोनों देशों को जलवायु-लचीली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेंगी.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, भारत के साथ काम करना उनके देश के लिए अपने दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भी महत्वपूर्ण है - यह सुनिश्चित करता है कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए यह पर्यावरण को सुरक्षित रखे और आर्थिक विकास भी करे. ऊर्जा के क्षेत्र में, इन दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए बहुत अधिक संभावनाएं हैं.
डीकार्बोनाइजेशन एजेंडा प्राप्त करने में इंडो-डच सहयोग कैसे मदद करेगा?
नीति आयोग के उपाध्यक्ष, डॉ. राजीव कुमार के अनुसार, कम कार्बन तकनीकों में डच विशेषज्ञता के साथ संयुक्त रूप से लागत-प्रभावी तरीके से उच्च-तकनीकी समाधानों को तैयार करने में भारत की विशेषज्ञता आगे इंडो-डच सहयोग को ठोस बनाने में मदद करेगी. ये दोनों देश डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा संक्रमण एजेंडा हासिल करने की दिशा में सफलतापूर्वक काम करेंगे.
नीति आयोग के CEO, श्री अमिताभ कांत ने आगे यह कहा कि, इस साझेदारी में भारी संभावनाएं देखते हुए, जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संक्रमण के व्यापक विषय के भीतर विषयगत क्षेत्र के तहत नीदरलैंड के साथ यह साझेदारी, इन दोनों ही देशों को सतत विकास लक्ष्य (SDG) प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक समन्वय स्थापित करने में मदद करेगी.
भारत और नीदरलैंड के आपसी संबंध: पृष्ठभूमि
ये दोनों राष्ट्र व्यापार और निवेश का एक लंबा इतिहास साझा करते हैं. यूरोपीय संघ में नीदरलैंड भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है - यूरोपीय महाद्वीप में भारत का 20% निर्यात नीदरलैंड के माध्यम से होता है - और यह देश भारत के शीर्ष 5 निवेशकों में से एक है. भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत भी नीदरलैंड ही है.
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