मध्य एशिया के देश कज़ाख़स्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की 09 जून 2017 को बैठक आयोजित की गई. बैठक में भारत व पाकिस्तान दोनों देशों को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की सदस्यता प्रदान की गई.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को मेंबरशिप देने हेतु सभी एससीओ मेंबर्स का आभार व्यक्त किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण में उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा उठाया.
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेश (एससीओ) के बारे में -
- शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ), 6 देशों के इस संगठन की शुरुआत 2001 में की गई.
- एससीओ एक पॉलिटिकल और सिक्युरिटी ग्रुप है.
- इसका हेडक्वार्टर बीजिंग में है.
- चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान इसके परमानेंट सदस्य हैं.
- यह ऑर्गनाइजेशन खासतौर पर मेंबर कंट्रीज के बीच मिलिट्री को-ऑपरेशन के लिए बनाया गया.
- इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और सेंट्रल एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना भी शामिल है.
- वर्तमान में अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया एससीओ में सुपरवाइजर कंट्री हैं.
- एससीओ में 2005 से भारत ऑब्जर्वर की हैसियत से शामिल होता रहा है.
- वर्ष 2014 में भारत ने इसकी फुल मेंबरशिप के लिए आवेदन किया था.
- वर्ष 2015 में रूस के उफा में एससीओ समिट आयोजित की गई. इसमें भारत-पाकिस्तान को इस ऑर्गनाइजेशन में परमानेंट मेंबर के तौर पर शामिल किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया.
- वर्ष 2016 में एसीओ समिट उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित की गई. इसी में भारत और पाकिस्तान के एससीओ में शामिल होने के लिए कमिटमेंट मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए गए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार "एससीओ हमारे राजनैतिक और आर्थिक सहयोग की मुख्य आधारशिला है. एससीओ देशों में हमारी सहभागिता के कई आयाम हैं. एनर्जी, एजुकेशन, एग्रीकल्चर, सिक्युरिटी, मिनरल, कैपेसिटी बिल्डिंग, डेवलपमेंट पार्टनरशिप, ट्रेड इसके अहम फैक्टर्स हैं.
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