इस 28 अगस्त, 2020 को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने यह घोषणा की है कि, उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने का फैसला किया है जो शांति अभियानों में महिला कर्मियों की पूर्ण, प्रभावी और सार्थक भागीदारी के लिए आह्वान करता है.
इस मिशन ने अपने सह-प्रायोजन के बारे में सूचित करते हुए यह कहा कि, भारत उस संकल्प के सह-प्रायोजन पर गर्वित है जिसे इंडोनेशिया द्वारा आगे रखा गया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने 2019-20 के कार्यकाल के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखना इंडोनेशिया की प्राथमिकता रही है.
संयुक्त राष्ट्र परिषद में अपने कार्यकाल के दौरान इंडोनेशिया का शांति स्थापना मिशन
जब इंडोनेशिया ने वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की, तो ‘द वुमन इन पीसकीपिंग’ के संकल्प को इसके द्वारा शुरू किया गया था और 28 अगस्त, 2020 को सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष (इंडोनेशिया) से ड्राफ्ट रेज़ोल्यूशन पर मतदान के परिणाम की घोषणा करने की उम्मीद की जा रही थी.
सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है, लेकिन इसका परिणाम बाद में घोषित किया जाएगा.
वर्ष 2021 में अपने कार्यकाल के दौरान भारत की योजना
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने सूचित किया है कि, सुरक्षा परिषद में वर्ष 2021 से शुरू होने वाले अपने कार्यकाल के दौरान भारत ने अपने लिए जो प्राथमिकतायें तय की हैं, उनमें से एक प्राथमिकता यह है कि, देश द्वारा सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती हुई भागीदारी पर जोर दिया जाएगा.
भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सबसे बड़े सैन्य योगदान कर्ताओं में से एक रहा है.
महिला शांति सैनिकों का समर्थन करने का भारत का इतिहास
• भारत की पृष्ठभूमि दुनिया भर के विभिन्न देशों में महिला शांति सैनिकों को तैनात करने की लंबी परंपरा प्रदर्शित करती है. अनेक वर्ष पहले की अगर हम बात करें तो वर्ष 1960 के शुरू में, भारत ने सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं में महिलाओं को संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में सेवा करने के लिए कांगो गणराज्य में भेजा था.
• वर्ष 2007 में, भारत ऑल-वुमेन फॉर्मेड पुलिस यूनिट को लाइबेरिया भेजने वाला पहला देश बन गया था. लाइबेरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव, बान की मून ने भी उन्हें रोल मॉडल के तौर पर सम्मानित किया था.
• इसके अलावा वर्ष 2020 में, मेजर सुमन गवानी ने UN मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवार्ड जीता था. वे दक्षिण सूडान (UNIMSS) में संयुक्त राष्ट्र के एक मिशन में तैनात थी.
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