जमीन से जमीन पर मार करने वाली लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का 18 जनवरी 2018 को सफल परीक्षण किया गया. परीक्षण उड़ान 9 बजकर 53 मिनट पर ओड़िशा के डॉ अब्दुल कलाम आईलैंड से की गयी. मिसाइल का यह पांचवां परीक्षण था. अब तक सभी पांचों अभियान सफल रहे हैं.
अग्नि-5 भारतीय रक्षा अनुसंधान परिषद (डीआरडीओ) द्वारा तैयार मिसाइल है जो कि परमाणु आयुध ले जाने में भी सक्षम है. इस मिसाइल की रेंज में पूरा पाकिस्तान तथा चीन के सुदूर उत्तरी क्षेत्र भी आ गये हैं.
अग्नि-5 बैलेस्टिक मिसाइल की मुख्य विशेषताएं
• अग्नि-5 मिसाइल एमआईआरवी अर्थात् स्वतन्त्र रूप से एकाधिक निशानों को लक्षित करने योग्य पुनः प्रवेश वाहन (Multiple Independently targetable Re -entry Vehicle) है.
• इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यही है कि इससे एक साथ कई जगहों पर हमला किया जा सकता है. इससे एक बार में अलग-अलग देशों के ठिकानों पर एक साथ हमले किए जा सकते हैं.
• अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है तथा इसका वजन 50 टन है.
• इसकी गति ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक तेज है.
• भारत के पास इससे पहले 'अग्नि' श्रृंखला की 700 किलोमीटर मारक क्षमता वाली अग्नि-1, 2000 किलोमीटर रेंज की अग्नि-2, 2500 से 3500 किलोमीटर तथा ज्यादा इससे अधिक क्षमता वाली अग्नि 3 और अग्नि-4 मिसाइलें हैं.
भारत ने सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया
भारत की स्वदेशी मिसाइलें
• भारत की स्वदेशी मिसाइलों में नाग मिसाइल काफी महत्वपूर्ण है जिसका सफल परीक्षण 1990 में किया गया था.
• इसी तरह धनुष मिसाइल स्वदेशी तकनीकी से निर्मित पृथ्वी मिसाइल का नौसैनिक संस्करण है. यह मिसाइल परमाणु आयुध ले जाने में भी सक्षम है.
• भारतीय रक्षा अनुसंधान द्वारा निर्मित आकाश मिसाइल की तुलना अमेरिका की पेट्रियॉट मिसाइल से की जाती है. आकाश मिसाइल एक ही समय पर आठ विभिन्न लक्ष्यों को निशाना बना सकती है.
• भारत की पृथ्वी मिसाइल सबसे सफल मिसाइलों में से एक है जिसे विभिन्न लक्ष्यों के लिए तैयार किया गया है.
• इन सबके अतिरिक्त भारत द्वारा रूस के साथ मिलकर बनाई जा रही ब्रह्मोस मिसाइल भारत की सबसे महत्वकांक्षी मिसाइलों में से एक है.
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