भारतीय नौसेना द्वारा 14 दिसंबर 2017 को देश में बनी पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस कलावरी को नौसेना में शामिल किया गया. भारतीय रक्षा क्षेत्र के इतिहास में यह एक नया अध्याय है. वेस्टर्न नेवी कमांड में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इस पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया गया.
आईएनएस कलवारी को पी-75 परियोजना के तहत बनाया गया है जिसे मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में तैयार किया गया. इस अवसर पर रक्षा मंत्री एन सीतारमन भी समारोह में शामिल थे.
आईएनएस कलवारी के बारे में
• आईएनएस कलवारी एक डीजल इलेक्ट्रिक युद्धक पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है.
• यह उन छह पनडुब्बियों में से पहली पनडुब्बी. है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना है.
• इस परियोजना को फ्रांस के सहयोग से चलाया जा रहा है.
• आईएनएस कलावरी की मारक क्षमता भी सटीक मानी जा रही है. यह दुश्मन की ओर से आने वाले गाइडेड हथियार पर तुरंत हमला कर सकती है.
• आईएनएस कलवारी द्वारा टॉरपीडो की सहायता से वार किया जा सकता है.
• पनडुब्बी के अंदर होने पर इसे ट्यूब की मदद से एंटी-शिप मिसाइल को भी इससे लॉन्च किया जा सकता है.
• डीजल-इलेक्ट्रिक दोनों ही तरह ताकत से लैस इस पनडुब्बी के आने के बाद से नौसेना के बाद कुल पनडुब्बियों की संख्या चौदह हो जाएगी.
• हिंद महासागर में भारत के पड़ोसी देश चीन की बढ़ती गतिविधियों के चलते भारतीय नौसेना को 24 से 26 पनडुब्बियों की आवश्यकता होगी.
यह भी पढ़ें: अत्याधुनिक आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया
यह भी पढ़ें: सुखोई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण
Comments
All Comments (0)
Join the conversation