भारत ने 05 दिसंबर 2017 को स्वदेश में विकसित जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश सुपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) द्वारा विकसित इस मिसाइल ने एक यूएवी 'बंशी' को सफलतापूर्वक निशाने पर लिया. यह परीक्षण चांदीपुर की एकीकृत टेस्ट रेंज में किया गया.
मिसाइल का रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल प्रणाली के जरिए सभी स्तयरों पर परीक्षण किया गया. परीक्षण के दौरान महानिदेशक (मिसाइल), डीआरडीओ और रक्षा मंत्री (एसए से आरएम) के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ जी सतीश रेड्डी, डीआरडीएल के निदेशक एमएसआर प्रसाद, कार्यक्रम निदेशक जी चंद्र मौली, आईटीआर के निदेशक डॉ. बी. के. दास सहित डीआरडीओ के शीर्ष वैज्ञानिक भी उपस्थित थे.
आकाश मिसाइल के मुख्य बिंदु
• आकाश मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 25 किलोमीटर है. यह अपने साथ लगभग 55 किलोग्राम तक का आयुध ले जाने में सक्षम है.
• इसे किसी भी मौसम में उपयोग किया जा सकता है तथा इससे मध्यम रेंज एयर टारगेट को निचले, मध्यम और ऊंचाई पर टारगेट किया जा सकता है.
• डीआरडीओ द्वारा विकसित आकाश मिसाइल लड़ाकू विमानों, क्रूज़ मिसाइल और हवा से जमीन पर वार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को भी निशाना बना सकती है.
• इसकी मारक क्षमता को सटीक करने के लिए इसमें रैमजेट रॉकेट सिस्टम इस्तेमाल किया गया है जो ऑटोपायलट सिस्टम से लैस है.
• इसका सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कई तरफ से आते खतरों को एकसाथ आसानी से निशाना बनाया जा सके.
• यह भारत की पहली जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसमें रेडियो तरंगों के आधार पर अपने लक्ष्य को भेदने के लिए स्वदेशी तकनीक युक्त प्रणाली का प्रयोग किया गया है.
• इस सफल परीक्षण के बाद भारत ने किसी भी तरह की जमीन से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइल बनाने की क्षमता हासिल कर ली है.
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