Brahmos Supersonic Cruise Missile: भारत ने हाल ही में रक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है. सतह से सतह पर मार करने वाली ब्राह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का 23 मार्च 2022 को सफल परीक्षण किया गया. बता दें कि यह परीक्षण अंडमान एवं निकोबार (Andaman & Nicobar) में किया गया.
रक्षा अधिकारियों के अनुसार भारत ने 23 मार्च 2022 को अंडमान और निकोबार में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया. रक्षा अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि विस्तारित दूरी की मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सटीकता के साथ मारा.
India today successfully testfired surface to surface BrahMos supersonic cruise missile in Andaman & Nicobar. Extended range missile hit its target with pinpoint accuracy: Defence officials pic.twitter.com/Yz54DAyTxq
— ANI (@ANI) March 23, 2022
क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल में अंतर
क्रूज मिसाइल (Cruise Missile) जेट इंजन से उड़ान हेतु ऊर्जा हासिल करती हैं. यह मिसाइल सबसोनिक गति से ही अपनी उड़ान भरती है. बता दें कि बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) रॉकेट इंजन से पावर हासिल करती हैं. लेकिन केवल शुरुआती उड़ान के समय ही बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च के बाद कुछ समय हेतु ही प्रोपेल किया जाता है. जबकि क्रूज मिसाइल सेल्फ प्रोपेल्ड होती है. वे टारगेट को हिट करने तक प्रोपेल होती रहती हैं.
ब्रह्मोस की तैनाती
भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपने 40 सुखोई विमानों पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइलें (BrahMos Missile) तैनात की हैं. ये मिसाइलें बहुत ज्यादा घातक और ज्यादा दूर तक दुश्मन को चोट पहुंचा सकती हैं. इसके साथ ही नेवी भी अपने महत्वपूर्ण जहाजों पर ब्रह्मोस की तैनाती कर चुकी हैं. बता दें कि इस मिसाइल से 800 किलोमीटर की दूरी तक हमला किया जा सकता है.
रूस के सहयोग से विकसित
रूस के सहयोग से ब्रह्मोस मिसाइल को विकसित किया गया है. ये आवाज की गति से तीन गुना यानी 2.8 मैक की गति से उड़ती हैं. ये रडार को भी चकमा दे सकती है. इसकी वजह ये है कि लॉन्च होने के बाद इस मिसाइल को विश्व का कोई भी रेडार न तो पकड़ सकता है और न ही इसे गिराया जा सकता है.
यह एक मिड-रेंज रैमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे भारत के डीआरडीओ (DRDO) और रूस के NPO Mashinostroyeniya द्वारा विकसित किया गया है. इस मिसाइल का नाम रूस एवं भारत की दो प्रमुख नदियों के नाम पर रखा गया है.
इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत
इस मिसाइल की एक सबसे बड़ी खासियत ये भी है कि एक बार टारगेट लॉक कर देने के बाद यह अपने आप उसका पीछा करती है तथा उसे बर्बाद करके ही दम लेती है. यह मिसाइल सीधे जाते हुए एकाएक 90 डिग्री तक मुड़कर किसी भी टारगेट को खत्म कर सकती है.
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