भारत आगामी दशक में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शीर्ष पर होगा. इस दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर सालाना 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
भारत की यह वृद्धि दर चीन और अमेरिका से अधिक रहेगी. चीन की वृद्धि दर वर्ष 2026 में 4.9 और फ्रांस की वृद्धि दर 3.5 तथा अमेरिका की 3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है.
हार्वर्ड विश्वविद्यालय की एक अध्ययन रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.
रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:
• हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय विकास केंद्र ने नया वृद्धि अनुमान जारी करते हुए कहा कि भारत और वियतनाम जैसे देश जिन्होंने अपनी अर्थव्यवस्थाओं का विविधीकरण अधिक जटिल क्षेत्रों में किया है, आगामी दशक में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होंगे.
• जटिलता अवसर सूचकांक (सीओआई) में भारत की स्थिति सबसे बेहतर है. इसमें यह देखा जाता है कि आप अपने मौजूदा ज्ञान का इस्तेमाल किस तरह से लगाएंगे जिससे नए जटिल उत्पाद क्षेत्र में प्रवेश किया जा सके.
• भारत ने अपने निर्यात आधार का विविधीकरण अधिक जटिल क्षेत्रों मसलन रसायन, वाहन और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स में किया है.
• भारत के बाद दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था यूगांडा होगी. यूगांडा की वृद्धि दर वर्ष 2026 तक 7.5 फीसदी की दर से होगी.
भारत की स्थिति सबसे बेहतर:
रिपोर्ट के अनुसार भारत की उत्पादन क्षमता उसकी मौजूदा आय स्तर के अनुमान से कहीं अधिक हैं. इस लिहाज से आगामी दशक में भारत तेज वृद्धि दर्ज करेगा.
जटिलता अवसर सूचकांक (सीओआई):
सीओआई की रिपोर्ट का अर्थ यह भी है कि भारत में बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर काम किया जाना बाकी है. इससे न केवल विकास की दर तेजी से बढ़ेगी बल्कि नौकरियां भी भारी संख्या में सृजित होंगी.
भारत ने पिछले एक दशक के दौरान अर्थव्यवस्था में मौजूद खामियों को दूर नहीं किया इसकी वजह से यह क्षेत्र अछूते रह गए, लेकिन पिछले कुछ सालों में जो सुधार हुए उससे अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की संभावना पैदा हो रही है.
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