भारतीय लड़ाकू विमान तेजस ने पहली बार हवा में ईंधन भरने का सफल परीक्षण किया

Sep 8, 2018, 10:02 IST

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) वर्तमान में एक प्रारंभिक ऑपरेटिंग क्लीयरेंस (आईओसी) मानक में निर्मित नौ तेजस लड़ाकू विमानों का संचालन करती है. इन जेटों को तमिलनाडु के सुलूर वायुसेना स्टेशन पर आधारित नंबर 45 स्क्वाड्रन, फ्लाइंग डैगर्स द्वारा उड़ाया जा रहा है.

Indian Air Force successfully carries first-ever mid-air refuelling of fighter aircraft Tejas
Indian Air Force successfully carries first-ever mid-air refuelling of fighter aircraft Tejas

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने 05 सितम्बर 2018 को बताया कि उसने स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस' में पहली बार सफलतापूर्वक हवा में ही ईंधन भरा.

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) वर्तमान में एक प्रारंभिक ऑपरेटिंग क्लीयरेंस (आईओसी) मानक में निर्मित नौ तेजस लड़ाकू विमानों का संचालन करती है. इन जेटों को तमिलनाडु के सुलूर वायुसेना स्टेशन पर आधारित नंबर 45 स्क्वाड्रन, फ्लाइंग डैगर्स द्वारा उड़ाया जा रहा है.

मुख्य तथ्य:

•    रूस निर्मित आईएल-78 एमकेआई टैंकर ने तेजस एमके आई के एक विमान में ईंधन भरा. इस दौरान एक अन्य तेजस विमान इस पूरी प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखे हुए था.

•    ये टैंकर आगरा में वायुसेना अड्डे से भेजा गया था, जबकि लड़ाकू विमान ने ग्वालियर से उड़ान भरा था. विशेष रूप से निर्मित तेजस विमान ने टैंकर के साथ ड्राई कॉन्टैक्ट सहित कई परीक्षणों को पूरा किया.

•    इस मिशन के दौरान तेजस को ग्रुप कैप्टन जोशी और आईएल-78 टैंकर को ग्रुप कैप्टन आर अरविंद उडा रहे थे.

•    परीक्षण उड़ान से पहले सभी तरह के जमीनी परीक्षण भी किये गये थे. इस सफल परीक्षण से स्वदेशी तेजस की ताकत बढी है और यह लंबी अवधि के मिशन को भी बखूबी अंजाम देने में सक्षम बन गया है.

•    यह परीक्षण तेजस के लिए‘फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस’का मार्ग प्रशस्त करेगा.

•    ईंधन को टैंकर से लड़ाकू में स्थानांतरित करने के लिए 'वेट' परीक्षणों सहित इस क्षमता को मान्य करने के लिए नौ और परीक्षण आयोजित किए जाएंगे.

•    तेजस में एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग की जांच अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस सिस्टम प्रमुख कोबम द्वारा डिजाइन की गई है.

एलसीए तेजस:

एलसीए तेजस भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का और कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है. यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला विमान है. अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है.

यह बिना पूँछ का, कम्पाउण्ड-डेल्टा पंख वाला विमान है. विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था.

यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा. एलसीए कार्यक्रम 1983 में दो प्राथमिक उद्देश्यों के लिए शुरू किया गया था. एलसीए के कार्यक्रम का अन्य मुख्य उद्देश्य भारत के घरेलू एयरोस्पेस उद्योग की चौतरफा उन्नति के वाहक के रूप में कार्य करना था.

तेजस की विशेषताएं:

•  लड़ाकू विमान तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.

•  विमान तेजस में हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल समाहित की गयी है.

•  तेजस में जमीन पर निशाना लगाने हेतु आधुनिक लेजर गाइडेड बम लगे हुए हैं.

•  ताकत के मामले में यह पुराने मिग-21 से कही अधिक दमदार है और इसकी तुलना मिराज-2000 से की जा सकती है.

•  इसमें सेंसर तरंग रडार लगाया गया है जो दुश्मन के विमान या जमीन से हवा में दागी गई मिसाइल के तेजस के पास आने की सूचना देता है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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