भारतीय नौसेना ने 02 मार्च 2017 को युद्धपोत रोधी मिसाइल कलवरी अंडरवाटर मिसाइल सफलतापूर्वक लॉन्च की. भारतीय नौसेना ने यह बड़ी कामयाबी पहली बार प्राप्त की है. पहले प्रक्षेपण में ही मिसाइल ने लक्ष्य भेदन किया. सबमरीन कलवरी अंडरवाटर मिसाइल का यह प्रक्षेपण अरब सागर में किया गया.
मिसाइल की लॉन्चिंग सिर्फ कलवरी के लिए नहीं, बल्कि भारतीय नौसेना के लिए भी बडी उपलब्धि है. इस प्रक्षेपण से सतह के नीचे सेना की युद्ध क्षमता बढ़ेगी. कलवरी भारत की उन 6 स्कॉर्पीयन श्रेणी की पनडुब्बियों में पहली है, जिनका निर्माण परियोजना 75 के तहत भारत में ही किया गया.
कलवरी पनडुब्बी के बारे में-
• कलवरी पनडुब्बी स्कॉर्पियन क्लास की पनडुब्बी है.
• इसका निर्माण भारत में ही किया गया.
• भारत में बन रही कलवेरी क्लास की सभी 6 पनडुब्बी एंटी-शिप मिसाइल तकनीक से लैस हैं.
• सबमरीन कलवरी अंडरवाटर मिसाइल की मारक क्षमता सतह पर 12,000 किमी. है, वहीं पानी के अंदर इसकी मारक क्षमता 1000 किमी. से अधिक है.
• यह मिसाइल पनडुब्बी को ताकत देंगे कि वह खतरे को भांपकर दूर से ही उस पर निशाना लगाकर उसे खत्म कर सके.
• फ्रांसीसी नौसेना रक्षा और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस द्वारा डिजाइन की गई पनडुब्बियों का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में किया जा रहा है.
• अक्टूबर 2015 में कलवरी को समुद्र में उतारा गया.
मिसाइल की क्षमता-
रक्षा मंत्रालय के अनुसार सभी छह डीजल-इलेक्टि्रक संचालित पनडुब्बियों पर युद्धपोत रोधी मिसाइल तैनात होंगी जिनका लड़ाकू क्षमता में प्रामाणिक रिकॉर्ड है. यह मिसाइलें पनडुब्बियों को विस्तृत रेंज पर सतहों पर मौजूद खतरों को नेस्तनाबूद करने की क्षमता प्रदान करेंगी.
मझगांव डॉक लिमिटेड-
• मझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई स्थित भारत का अग्रणी शिपयार्ड है.
• मझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का मुख्य कार्य मुंबई एवं न्हावा यार्ड में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर पनडुब्बियों एवं युद्धपोत का निर्माण करना है.
• मझगाव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड आईएसओ 9000 :2008 प्रमाणित कंपनी है. यह भारत मेंअग्रणी जहाज निर्माण एवं प्रतितट संरचना यार्ड है.
• इस यार्ड की स्थापना 18वीं शताब्दी में की गई.
• 1960 में भारत सरकार द्वारा मझगांव डॉक लिमिटेड का अधिग्रहण किया गया. मझगांव डॉक तेजी से बढ़ते हुए भारत में युद्धपोत निर्माण, परिस्कृत युद्धपोत भारतीय नौसेना, तथा ओएनजीसी हेतु प्रतितट संरचना का उत्पादन करते हुए मुख्य युद्धपोत निर्माण यार्ड बना.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation