भारतीय नौसेना के दूसरे एयर स्क्वाड्रन (INAS) 316 को आईएनएस हंसा में कमीशन किया गया

Mar 30, 2022, 16:32 IST

इस स्‍क्‍वाड्रन को बेहद खतरनाक एवं अपने काम में माहिर माना जाता है. यह नौसेना में शामिल होने वाली दूसरी ऐसी स्‍क्‍वाड्रन है.

Indian Navy's 2nd Air Squadron 316 commissioned at INS Hansa
Indian Navy's 2nd Air Squadron 316 commissioned at INS Hansa

भारतीय नौसेना (Indian Navy) को 29 मार्च 2022 को इंडियन नेवल एयर स्‍क्‍वाड्रन 316 (INAS 316) के रूप में नई ताकत मिल गई है. इसे आईएनएएस 316 (INAS 316) के रूप में जाना जाता है. 29 मार्च को गोवा के दबोलिम में मौजूद आईएनएस हंसा (INS Hansa) में इसे तैनाती दी गई है.

आपको बता दें कि इस दौरान चीफ ऑफ नेवल स्‍टाफ एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) की मौजूदगी में इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है. इस स्‍क्‍वाड्रन को बेहद खतरनाक एवं अपने काम में माहिर माना जाता है. यह नौसेना में शामिल होने वाली दूसरी ऐसी स्‍क्‍वाड्रन है.

विमानों में खास तौर के उपकरण

भारतीय नौसेना में 29 मार्च को शामिल हुई आईएनएएस 316 स्‍क्‍वाड्रन प्रमुख रूप से हवाई स्‍तर पर काम करती है. यह सशक्‍त हवाई जहाजों के माध्यम से दुश्‍मन की टोह लेकर समुद्र में मौजूद नौसैनिकों को सूचित करती है. इसके साथ ही इसके विमानों में खास तौर पर उपकरण एवं मिसाइलें भी लगी होती हैं.

आईएनएएस 316: एक नजर में

आईएनएएस 316 (INAS 316) स्‍क्‍वाड्रन के पास पी-81 मल्‍टी रोल लॉन्‍ग रेंज मैरिटाइम रिकॉग्‍निसेंस एंड एंटी सबमरीन वारफेयर (LRMRASW) हवाई जहाज है. बता दें इसे अमेरिका की बोइंग कंपनी ने बनाया है. इस हवाई जहाज में दो इंजन हैं. यह हवाई जहाज आसमान से समुद्री जहाजों एवं सबमरीन पर हमला करने में सक्षत होते हैं. शानदार समुद्री टोही एवं पनडुब्बी रोधी लड़ाकू क्षमताओं से लैस ये विमान आपदा, राहत तथा मानवीय अभियानों में सहायता के लिए काम आता है.

इनके जरिये नौसेना को आसमान के जरिये समुद्री सीमा क्षेत्र की निगरानी करने में सहायता मिलेगी. इस स्‍क्‍वाड्रन का पहला बैच साल 2013 में 8 विमानों के साथ आईएनएस राजाली में तैनात किया गया था. इस नई स्क्वाड्रन को चीन के हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते दखल की चिंताओं के बीच तैयार किया गया है. इसे हवा से जहाज पर वार करने वाले मिसाइल एवं टोरपीडोस से लैस किया जा सकता है. इन्हें तमिलनाडु के अराक्कोनम में आईएनएस रजाली (INS Rajali) पर तैनात किया गया है. आईएनएएस 316 को विश्व के सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक के बाद 'द कान्डोर्स' नाम दिया गया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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