सिंगापुर में बौद्धिक संपदा मामलों के भारतीय मूल के प्रतिष्ठित वकील दीदार सिंह गिल को देश के सुप्रीमकोर्ट का न्यायिक आयुक्त नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति हलीमा याकूब द्वारा गिल (59) को दो साल के लिए सुप्रीमकोर्ट का न्यायिक आयुक्त नियुक्त किया.
सिंगापुर द्वारा अधिकारिक जारी में कहा गया कि गिल दो साल की अवधि के लिए कार्यभार संभालेंगे और तीन अगस्त को शपथ लेंगे. उन्हें तान पे बून, मैविस चियोन और अंग चेंग हॉक के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया है. इन तीनों को फरवरी में न्यायिक आयुक्त नियुक्त किया गया था.
गिल की नियुक्ति के साथ सर्वोच्च न्यायालय में कुल 21 न्यायाधीश, छह न्यायिक आयुक्त, चार वरिष्ठ न्यायाधीश और 15 अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधीश हो जाएंगे.
दीदार सिंह गिल के बारे में
• ‘नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर’ से स्नातक गिल ड्रियू एंड नैपियर एलएलसी के बौद्धिक संपदा विभाग के प्रबंध निदेशक रह चुके हैं और उन्होंने अपने करियर का ज्यादातर हिस्सा इसी कंपनी में गुजारा.
• उन्होंने नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से साल 1990 में स्नातक की उपाधि ली थी.
• वकालत के क्षेत्र में उन्हें 30 साल से अधिक का अनुभव है.
• वह फरवरी से नियुक्त चौथे न्यायिक आयुक्त हैं.
• गिल की नियुक्ति के साथ भारतीय मूल के चीफ जस्टिस सुंदरेश मेनन की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत में अब कुल 21 जज हो गये हैं.
टिप्पणी
सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक आयुक्त का पद कानूनी पेशे में बेहद महत्व रखता है. न्यायिक आयुक्त के पास न्यायाधीश की शक्ति होती है और उसे खास अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है. उनसे पहले भी एक भारतवंशी वरिष्ठ वकील को साल 2015 में बड़ी जिम्मेदारी मिली थी. कन्नम रमेश को सिंगापुर हाईकोर्ट में न्यायिक आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था. रमेश विवाद समाधान, दिवालिया और पुनर्गठन और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता विशेषज्ञ माने जाते हैं.
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