भारतीय रेलवे ने तैयार किया किफायती वेंटिलेटर ‘जीवन’, जानें इसके बारे में सबकुछ

Apr 8, 2020, 10:54 IST

वेंटिलेटर एक ऐसी डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल फेफड़ों में आक्सिजन की सप्लाई करने में किया जाता है. यह कोविड19 के गंभीर मरीजों के लिए काफी अहम है, क्योंकि इस बीमारी के गंभीर होने पर फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं.

Indian Railways develops low cost ventilator Jeevan in Hindi
Indian Railways develops low cost ventilator Jeevan in Hindi

भारतीय रेलवे ने हाल ही में देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के बीच एक ऐसा सस्ता वेंटिलेटर तैयार किया है, जो हजारों लोगों की जान बचाने में उपयोगी हो सकता है. इस सस्ते वेंटिलेटर को कपूरथला रेल डिब्बा कारखाना ने तैयार किया है. इसका नाम ‘जीवन' रखा गया है.

इस वेंटिलेटर का अभी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि आईसीएमआर से इसे मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है. ब्रूकिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में जीवनरक्षक वेंटिलेटर की भारी कमी है. यह वेंटिलेटर कोरोना संकट के समय देश में हजारों लोगों की जान बचाने में कारगर साबित हो सकता है.

कीमत

रेल कोच फैक्ट्री (RCF) के महाप्रबंधक और ‘जीवन’ बनाने में महत्वपूर्ण रोल रखने वाले रविंदर गुप्ता का कहना है कि बिना कम्प्रेसर के इस वेंटिलेटर की कीमत लगभग 10,000 रुपये है. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर की मंजूरी मिल जाए, सभी मैटीरियरल उपलब्ध हो जाए, तो हम एक दिन में ऐसे 100 वेंटिलेटर बनाने में सक्षम होंगे. कुल मिलाकर, इसकी लागत काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रेग्युलेर वेंटिलेटर की कीमत से काफी कम है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी देश में उपलब्ध वेंटिलेटर की अधिकतम संख्या तकरीबन 57000 है. यदि कोरोना वायरस संक्रमण तेज़ी से फैलता रहा तो स्थिति काफी खराब हो सकती है और हमें देश में 15 मई तक 1.10 लाख से 2.20 लाख वेंटिलेटर तक की ज़रूरत पड़ सकती है. अभी उपलब्ध वेंटिलेटर की कीमत 5-15 लाख रुपये के बीच है.

वेंटिलेटर क्या है?

वेंटिलेटर एक ऐसी डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल फेफड़ों में आक्सिजन की सप्लाई करने में किया जाता है. यह कोविड19 के गंभीर मरीजों के लिए काफी अहम है, क्योंकि इस बीमारी के गंभीर होने पर फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं.

जीवन वेंटिलेटर के बारे में

यह डिवाइस यह कम्प्रेस्ड एयर कंटेनर है जो सरवो मोटर या पिस्टन या इससे जुड़ी मशीन में बिना किसी गति के काम करता है. इसमें मरीज को आक्सीजन की सप्लाई बनाए रखने के लिए एक वॉल्व लगाया गया है. रेलवे के मुताबिक, जरूरत के हिसाब से इसके आकार में बदलाव किया जा सकता है. यह मशीन बिना आवाज किए चलता है.

पृष्ठभूमि

रेल कोच फैक्ट्री (RCF) के महाप्रबंधक रविंदर गुप्ता ने बताया कि हमने कुछ अंतिम परीक्षण किए. अब हमारे पास पूरी तरह से चलने लायक आपातकालीन वेंटिलेटर है, जिसकी लागत बाजार में उपलब्ध सामान्य वेंटिलेटर की तुलना में एक तिहाई है. अगर हम इसमें कुछ इंडिकेटर भी लगाएं तब भी इसकी कीमत 30 हजार रुपये से अधिक नहीं होगी.

देश में कोरोना का प्रकोप बढ़ते जाने की वजह से वेंटिलेटर की बेहद कमी महसूस की जा रही है. कई निजी कंपनियां भी अपने स्तर से वेंटिलेटर के विकास में लगी हैं. देश में अब तक कोरोना के मरीजों की संख्या 4000 से अधिक हो चुकी है. वहीं मरने वालों का आंकड़ा 100 से ऊपर पहुंच गयी है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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