भारतीय शोधकर्ताओं ने हाल ही में धान के पौधे से एक ऐसे बैक्टीरिया की खोज की है जो रोगजनक फंगल (फफूंद) को खाता है. इसमें फंगल रोधी प्रोटीन की भी पहचान की गयी है जो फंगल संक्रमण से लड़ने में मददगार साबित हो सकता है.
मुख्य बिंदु
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च (एनआईपीजीआर) के शोधकर्ताओं के अनुसार बीजी-9562 नामक प्रोटीन पौधों के साथ-साथ मनुष्य और अन्य जीव-जंतुओं में होने वाले फंगल इंफेक्शन को रोकने में कारगर साबित हो सकता है.
• बीजी-9562 एक फंगल-रोधी प्रोटीन है, जो फंगल-भोजी बैक्टीरिया बर्खोल्डेरिआ ग्लैडिओली के एक रूप एनजीजे-1 में पाया जाता है.
• एनजीजे-1 फंगस पर आश्रित रहता है और उसकी कोशिकाओं को नष्ट करने की क्षमता रखता है.
• इस प्रोटीन के उपयोग से तैयार मिश्रण खेतों में छिड़ककर फसल को रोगों से बचा सकते हैं.
• फंगल-रोधी पौधे विकसित करने में भी ट्रांसजीन के रूप में बीजी-9562 जीन का उपयोग हो सकता है.
• राइजोक्टोनिया सोलानी, मैग्नापोर्थ ओराइजे, फ्यूसिरियम ऑक्सिसपोरम, एस्कोकाईटा रैबेई और वेंचुरिया इनैव्कालिस नामक फंगल पौधों के कुछ प्रमुख रोगजनक माने जाते हैं.
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