भारत की प्रेमास बायोटेक करेगी COVID-19 वैक्सीन गोली विकसित

Mar 24, 2021, 16:51 IST

नवजात COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेट एक प्रोटीन-आधारित वीएलपी (वायरस की तरह का कण) वैक्सीन कैंडिडेट है.

India’s Premas Biotech to develop COVID-19 Vaccine pill
India’s Premas Biotech to develop COVID-19 Vaccine pill

भारत के प्रेमास बायोटेक ने एक ओरल COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेट को विकसित करने के लिए ऑर्म्ड फार्मास्यूटिकल्स इंक के साथ सहयोग किया है, जिसने एकल खुराक के बाद प्रभाव दिखाया है.

पशुओं में इस वैक्सीन कैंडिडेट के प्रारंभिक परीक्षण से यह पता चला है कि, इस टीके ने वांछित एंटीबॉडीज का उत्पादन किया है. हालांकि, अभी इस उत्पाद/ वैक्सीन का मनुष्यों पर परीक्षण नहीं किया गया है.

प्रेमास बायोटेक नॉवेल बायो-थेरापियूटिक और वैक्सीन कैंडिडेट्स की डेवलपर है.

इस वैक्सीन पिल के मानव परीक्षण कब शुरू होने की संभावना है?

इस कंपनी के अनुसार, यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि मौजूदा परीक्षण किस तरह का परिणाम देते हैं. यदि वे सफल होते हैं तो ये वैक्सीन कैंडिडेट अगले तीन महीनों के भीतर मानव परीक्षणों के लिए तैयार हो सकते हैं.

यह क्लिनिकल स्टडी वर्ष, 2021 की दूसरी तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है.

ओरल COVID-19 वैक्सीन के बारे में अधिक जानकारी

• नवजात COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेट एक प्रोटीन-आधारित वीएलपी (वायरस की तरह का एक कण) वैक्सीन कैंडिडेट है.
• यह SARS CoV-2 वायरस के खिलाफ "ट्रिपल प्रोटेक्शन" पैदा करने में सक्षम है. यह कोरोना वायरस के स्पाइक, झिल्ली और एन्वलप प्रोटीन को लक्षित कर सकता है. अधिकांश अन्य टीके स्पाइक (S) प्रोटीन पर आधारित हैं.
• यह इम्यूनोग्लोबुलिन जी (IgG) के माध्यम से प्रणालीगत प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है, जो रक्त और शारीरिक तरल पदार्थों में सबसे साधारण एंटीबॉडी है जो वायरल संक्रमण और इम्यूनोग्लोबुलिन ए (IgA) से बचाता है.
• कोरोना वायरस की संरचना के लिए ये सभी तीन प्रोटीन महत्वपूर्ण हैं और इसे शरीर के अंदर फ़ैलने या बढ़ने की क्षमता प्रदान करते हैं.

क्या यह प्रभावी है?

ओरावैक्स ने एक बयान में यह कहा है कि, यह वैक्सीन कैंडिडेट सुरक्षित है, प्रभावोत्पादक है और सामान्य से लेकर उच्च मात्रा तक अच्छी तरह सहन किया जा सकता है और बेअसर करने वाले एंटीबॉडीज़ के उच्च टिट्रेस उत्पन्न करता है.

कंपनी ने यह भी कहा कि, प्रोटीन-आधारित वीएलपी (वायरस की तरह का एक कण) वैक्सीन कैंडिडेट प्रेमास के मालिकाना डी-क्रिप्ट™ प्लेटफॉर्म का उपयोग करके निर्मित किया गया है, जो अत्यधिक स्केलेबल/ मापनीय है और बड़े पैमाने पर निर्मित किया जा सकता है.

यह कैसे काम करेगा?

प्रेमास बायोटेक के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक प्रबुद्ध कुंडू ने यह कहा कि, यह विटामिन की एक गोली लेने जैसा होगा.

पृष्ठभूमि

वर्तमान में पूरे भारत में दो टीके 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें कोमोर्बीडिटीज़ है और जो 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग हैं. कई अन्य वैक्सीन नैदानिक ​​परीक्षणों के विभिन्न चरणों में हैं.

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