भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने 16 जनवरी 2018 को कार्टोसैट-2 सीरीज़ सेटेलाईट द्वारा भेजी गयी पहली फोटो जारी की है. इस सैटेलाईट को हाल ही में पीएसएलवी-सी-40 रॉकेट की सहायता से श्रीहरिकोटा में स्थित अंतरिक्ष एजेंसी के स्पेसपोर्ट से प्रक्षेपित किया गया था. इस तस्वीर को बंगलुरू मुख्यालय में स्थित अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट पर जारी किया गया.
कार्टोसैट-2 की पहली तस्वीर
कार्टोसैट-2 सैटेलाईट द्वारा भेजी गई फोटो में इंदौर के होलकर स्टेडियम को देखा जा सकता है. यह तस्वीर सटीक और साफ़ मानचित्रण की दृष्टि से खरी उतरती है. अभी तक भारत को मैपिंग तथा जीपीएस इमेज के लिए विदेशी सेटेलाईटों पर निर्भर रहना पड़ रहा था लेकिन अब भारत स्वदेशी तकनीक से इस क्षेत्र में महारत हासिल कर चुका है.
कार्टोसेट-2 सीरीज़ मिशन को पृथ्वी अवलोकन के लिए लॉन्च किया गया है, इसका वजन करीब 710 किलोग्राम है. सेटेलाईट द्वारा भेजी गयी इस तस्वीर में इंदौर का एक हिस्सा दिख रहा है जिसके बीच में होल्कर क्रिकेट स्टेडियम है.
सैटेलाइट द्वारा भेजी गई तस्वीरों का कार्टोग्राफिक, ग्रामीण और शहरी अनुप्रयोगों, तटीय भूमि के उपयोग और नियामकों के अलावा भौगोलिक सूचना प्रणाली अनुप्रयोगों के साथ अन्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. विदित हो कि कार्टोसैट-2 सीरीज़ सैटेलाईट के साथ 28 अन्य देशों के 30 सैटेलाइट भी प्रक्षेपित किये गये थे.
कार्टोसैट-2 की विशेषताएं
• कार्टोसेट-2 एक दूर संवेदी उपग्रह है जिसमें सभी सात रंगों के प्रकाश के प्रति संवेदनशील और बहुक्षेत्रीय कैमरा लगे हैं.
• इन उपग्रहों से जुटाये गये आंकड़ों से शहरी और ग्रामीण योजना तैयार करने, तटीय क्षेत्रों की भूमि उपयोग नियमन, सड़क नेटवर्क की निगरानी और भौगोलिक सूचना प्रणाली अनुप्रयोगों में सहायता प्राप्त होगी.
• इसे पीएसएलवी सी-40 रॉकेट की सहायता से छोड़ा गया.
• कार्टोसेट-2 उपग्रह के साथ 30 अन्य उपग्रहों को भी पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में पहुंचाया गया.
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